उत्तराखंड में प्रकृति की विनाशलीला शायद कम हो सकती थी, अगर समय रहते इससे निबटने के लिए जरूरी इंतजाम कर लिये गये होते. लेकिन सीएजी की रिपोर्टो और नागरिक समाज द्वारा दी जानेवाली चेतावनियों के बावजूद भी सरकार नहीं चेती. कैसे काम करता है हमारा आपदा प्रबंधन तंत्र, आपदाओं का सफलतापूर्वक सामना करने में क्यों चूक जाते हैं हम, बता रहा है नॉलेज.. ऐसा पहली बार नहीं हुआ है कि हमलोग...
More »SEARCH RESULT
बिहार के मुखियाः दो साल में कमाये चार करोड़
पश्चिम चंपारण जिले में करोड़पति पंचायत जनप्रतिनिधियों की कमी नहीं है. यह बात अलग है कि सब ने घोटाले की बदौलत संपत्ति जुटायी है, लेकिन उसने संपत्ति के रिकॉर्ड को खंगालने में पुलिस जुटी हुई है. जिले के दो मुखिया के घरों पर राज्य की आर्थिक अपराध इकाई ने गुरुवार को छापेमारी की. इस छापेमारी से आय से अधिक संपत्ति अर्जित करने वाले मुखिया और पंचायत जनप्रतिनिधियों में बौखलाहट है. गुरुवार...
More »दलालों व बैंककर्मियों ने मिलकर लूटी राशि
मुजफ्फरपुर, कासं : पहले तो दलालों ने इंदिरा आवास दिलाने के नाम पर लाभुकों से 500-500 रुपये लिए। दो-दो फोटो लेकर आवास दिलाने का पक्का भरोसा दिलाया। मगर, प्रखंड के कर्मचारियों व बैंककर्मियों की मिलीभगत से फर्जी दस्तखत व अंगूठा लगाकर पूरी राशि गटक ली। यह मामला है सकरा प्रखंड की बाजी बुजुर्ग पंचायत का। जिला प्रोग्राम पदाधिकारी की जांच के बाद फर्जीवाड़ा उजागर हुआ। उन्होंने दलालों, प्रखंडकर्मियों व बैंककर्मियों...
More »दंडकारण्य का दावानल- कनक तिवारी
जनसत्ता 29 मई, 2013: सुकमा से राष्ट्रीय शोक का एक मर्मांतक ज्वालामुखी पैदा हुआ है। कांग्रेस के काफिले पर नक्सलियों ने घात लगाकर अंधाधुंध फायरिंग की। उसमें पार्टी के दो वरिष्ठ नेताओं समेत करीब तीस लोग मारे गए। बस्तरिहा घाटियों में माओवादियों द्वारा यह पहला नरसंहार नहीं था। माओवादी वर्षों से अपनी क्रूरता के घिनौने कारनामे अंजाम दे रहे हैं। ताजा हमला विशेष मायने रखता है। कांग्रेसी राजनीतिकों का काफिला...
More »फरकिया- एक फरक दुनिया- पुष्यमित्र
खगड़िया जिले में आज भी कई ऐसे गांव हैं जहां कोई सड़क नहीं है. साल के छह महीने वहां धूल उड़ती है और शेष छह महीने ये गांव पानी से डूबे रहते हैं. यहां पहुंचने के लिए पूरे साल नाव का सहारा लेना पड़ता है. सरकारी अमले में इन गांवों को कालापानी के नाम से जाना जाता है, किसी को सजा देनी हो तो इन गांवों में पोस्टिंग कर दी जाती है....
More »