SEARCH RESULT

Total Matching Records found : 840

समाज और कानून की नजर में समर्पण की कीमत बस इतनी-सी?

जो महिलाएं दफ्तरों में काम करती हैं या बिजनेस संभालती हैं, उनकी सेवाओं की कीमत कमाई के आंकड़े से आंकी जा सकती है, लेकिन एक गृहिणी की सेवाओं और परिवार के प्रति समर्पण भाव की कीमत कैसे आंकी जाए? ऐसे ही एक मामले में चेन्नई के दुर्घटना दावा प्राधिकरण की संकीर्ण सोच सामने आई है। मामला है 31 वर्षीय सेल्‍वी का, जो कपड़े बेचकर पांच हजार रुपए प्रतिमाह कमाती थीं। एक...

More »

निर्माण सामाग्री का टोटा, मनरेगा के काम रूके

कोरबा (निप्र)। महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी योजनांतर्गत काम करने वाले श्रमिकों का लंबित भुगतान तो दिया जा रहा, पर निर्माण कार्य के लिए खरीदे गए सामाग्रियों का 1 करोड़ 95 लाख का भुगतान अभी भी शेष है। शासन से राशि भेजी गई है। अब व्यवसायी निर्माण कार्य के लिए सामाग्री देने से परहेज कर रहे हैं। पंचायतों में कई निर्माण कार्य अधर में लटके हुए हैं। निर्वाचन आयोग...

More »

बढ़ रही है कर्जदार किसानों की तादाद- एनएसएसओ

विकास के बहुमुखी हल्ले के बीच कृषि-संकट जारी है। तेलंगाना, आंध्रप्रदेश और महाराष्ट्र से रह-रह कर आ रही किसान-आत्महत्याओं की खबरों के बीच राष्ट्रीय नमूना सर्वेक्षण(एनएसएसओ) द्वारा इस माह जारी एक रिपोर्ट में कहा गया है कि देश के 52 फीसदी खेतिहर परिवार कर्ज में डूबे हैं। रिपोर्ट में का यह तथ्य जुलाई 2012 से जून 2013 के बीच की स्थिति के बारे में है।(देखें नीचे दी गई लिंक) तकरीबन साढ़े...

More »

अर्थशास्त्री लॉर्ड मेघनाथ देसाई ने कहा, बंधुआ मजदूर की तरह हैं घर में काम करनेवाले

रांची: प्रसिद्ध अर्थशास्त्री लॉर्ड मेघनाद देसाई ने कहा कि अपने घर में काम करनेवालों (हाउसहोल्ड वर्कर) की स्थिति बंधुआ मजदूरों की तरह है. उनके काम की न तो गिनती होती है और न ही उनको इस काम के बदले मजदूरी मिलती है. अपने घर में काम करनेवालों की स्थिति बाजार में काम करनेवालों से पूरी तरह से अलग है. वह बिना किसी शर्त और भुगतान के काम करते हैं. राष्ट्र के...

More »

निमाड़ को भी चाहिए 'सत्यार्थी' और 'मलाला'

विवेक वर्द्धन श्रीवास्तव, खरगोन। सुमित। उम्र-14 साल। काम- बस स्टैंड की एक होटल में टेबल पर पोंछा लगाना। दिनेश। उम्र-12 साल। काम- नगर पालिका क्षेत्र में चाय की गुमटी पर ग्लास धोना। सुबह साढ़े 7 बजे से रात्रि 8 बजे तक इन्‍हें फुरसत नहीं। उधर रोली शहर के पॉश इलाके में घर-घर जाती है। उम्र-13 साल। यह अपनी मां के साथ झाड़ू-पोंछा, बर्तन साफ करने में हाथ बटाती है। ये तीन...

More »

Video Archives

Archives

share on Facebook
Twitter
RSS
Feedback
Read Later

Contact Form

Please enter security code
      Close