सरकार के हर मंच से नोटबंदी को सही बताने के बाद 2016-17 की चौथी तिमाही के आंकड़े बताते हैं कि सकल घरेलू उत्पाद दर घट कर 7.1 से 6.1 फीसद पर आ गई। बाजार में तरलता की कमी से मांग घटी और छोटे कारोबारियों की कमर टूट गई। अब जबकि जीएसटी के अमल का समय नजदीक आ रहा है, सरकार जमीनी सच्चाई को नकारते हुए कमजोर अर्थव्यवस्था का ठीकरा...
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सुधार की बाट जोहती अदालतें - विराग गुप्ता
पिछले दिनों उच्चतम न्यायालय ने अयोध्या विवाद का विधिसम्मत समाधान निकालने के बजाय संबंधित पक्षों पर आम सहमति से निदान तलाशने का जिम्मा सौंप दिया। इसके उलट भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड यानी बीसीसीआई में अनियमितताओं के लिए दोषियों को दंडित तो नहीं किया, अलबत्ता क्रिकेट प्रशासन में सुधार का जिम्मा सेवानिवृत्त न्यायाधीशों के हाथ में सौंप दिया। शायद यही कारण रहा कि जब सर्वोच्च न्यायालय ने पूर्व सांसदों की पेंशन...
More »CSDS सर्वे: यूपी में सांप्रदायिक ध्रुवीकरण के ज्यादा शिकार हुए पढ़े-लिखे हिंदू नौजवान
छह दिसंबर 1992 का दिन भारतीय लोकतंत्र के इतिहास का एक काला दिन है। इसी दिन अयोध्या स्थित बाबरी मस्जिद को कारसेवकों की बेकाबू भीड़ ने गिरा दिया। उस घटना के 24 साल बाद भी उत्तर प्रदेश में कोई भी चुनाव उसके जिक्र के बिना पूरा नहीं होता। बाबरी मस्जिद गिराए जाने के बाद यूपी में पूरी एक पीढ़ी जवान हो चुकी है लेकिन ये मुद्दा अभी भी राजनीतिक रूप...
More »मिटाना होगा तीन तलाक का अभिशाप - कुलदीप नैयर
कट्टरपंथी संगठन जमात-ए-इस्लामिया की एक साप्ताहिक पत्रिका है - 'रेडियंस"। इसने अपने पहले पन्न्े पर एक लेख छापा, जो कहता है कि 'पहले तुम हमें अपना हिसाब दो।" साफ तौर पर यहां 'तुम" से आशय हिंदुओं से है। हिंदू पर्सनल लॉ देश के प्रथम प्रधानमंत्री पंडित जवाहरलाल नेहरू के हस्तक्षेप के बाद अस्तित्व में आया था। विवाह जीवन भर के लिए पवित्र-बंधन होता था और किसी बीमार या नि:शक्त को...
More »वक्त के पन्नों पर जो दर्ज कर गये अपनी अमिट छाप
नियम यह है विधाता का / सभी आकर चले जाते / मगर कुछ लोग ऐसे हैं / जो जाकर भी नहीं जाते। न सब धनवान होते हैं / न सब भगवान होते हैं/ दयालु, लोकप्रिय, सतपाल / भले इनसान होते हैं।। ... और ऐसा कोई इनसान जब वक्त के पन्नों पर अपनी अमिट छाप छोड़ कर हमारे बीच से विदा होता है, तो यह हम सबका साझा फर्ज बनता...
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