रतलाम। प्रकृति से छेड़खानी के परिणाम लगातार लोगों को भुगतने पड़ रहे हैं। कम हो रहे वन क्षेत्र और पेड़-पौधों की सुरक्षा पर समुचित ध्यान नहीं देने से मौसम चक्र गड़बड़ा गया है। ठंड और गर्मी में बारिश के साथ ओले गिर रहे हैं। इस मामले में कुछ सजग प्रहरियों के एकल प्रयास देखने में आए हैं। उनके प्रयास रंग भी लाने लगे हैं। आज 5 जून को विश्व पर्यावरण दिवस...
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50 साल से पेंडिंग है माइंस लीज रिन्युअल
जमशेदपुर: सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर ओड़िशा और गोवा की तरह झारखंड में भी माइंस बंद करने की नौबत कभी भी आ सकती है. राज्य में माइंस नवीनीकरण के कई आवेदन 1976 से लंबित हैं. इनमें टाटा स्टील, इंडियन आयरन एंड स्टील कंपनी (वर्तमान में सेल) समेत कई माइनिंग सेक्टर की कंपनियां शामिल हैं. सिर्फ पश्चिमी सिंहभूम के करीब 225 से अधिक खदान बिना नवीनीकरण के संचालित हो रहे हैं. इनमें आयरन...
More »झारखंड: सरायकेला में मिला यूरेनियम का नया भंडार
जमशेदपुर : देश को परमाणु क्षेत्र में आत्मनिर्भर बनाने की दिशा में काम कर रहे यूरेनियम कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया लिमिटेड (यूसील) ने सरायकेला में यूरेनियम के नये भंडार का पता लगाया है. यूसील ने उत्खनन के लिए सरायकेला-खरसावां के खनन कार्यालय के जरिये राज्य सरकार से अनुमति मांगी है. यूसील के अनुसार, सरायकेला-खरसावां जिले के गम्हरिया प्रखंड के माहुलडीह इलाके में यूरेनियम का भंडार है. इस इलाके में उत्खनन किया जाना है. यहां...
More »कटते जंगल किसका मंगल- मुस्कान
जनसत्ता 8 फरवरी, 2014 : विकास के पूंजीवादी-नवउदारवादी मॉडल की कुछ खास तरह की जरूरतें होती हैं। या कहें कि यह मॉडल आर्थिक संवृद्धि के एवज में कुछ खास बलिदानों की मांग करता है। हम देखते हैं कि भारत सरीखे अधिकतर विकासशील देश इन बलिदानों के लिए हमेशा तैयार रहते हैं। अब सवाल है कि विकास की प्रचलित अवधारणा किन बलिदानों की मांग करती है? और ये बलि के बकरे...
More »जनहित याचिका के ऐतिहासिक नतीजे
हम अपने संविधान की चाहे जितनी आलोचना कर लें और इसे जितना बेकार कह लें, सच यह है कि अब तक इसने ही देश के नागरिकों को सम्मान से जीने का अधिकार दिया है और उस अधिकार के अतिक्रमण को दूर करने का रास्ता भी इसी ने दिया. इसका एक बड़ा उदाहरण है जनहित याचिका. यह जनता के संवैधानिक अधिकारों के इस्तेमाल और अदालत के कानूनी अधिकार से ही संभव हुआ...
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