जीएम फसलें एक बार फिर चर्चा में है. मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी ने अपनी पूर्ववर्ती नीति से पलटी मारकर अब सार्वजनिक रूप से जीएम फसलों को समर्थन देना शुरू कर दिया है. बहस गरमा रही है. यह उसी लाइन पर जा रही है, जिस पर शरद पवार जोर दे रहे है. इसमें हैरत की बात नहीं है. मैं देर-सबेर इसकी उम्मीद कर रहा था. आखिरकार, विकिलीक्स पहले ही खुलासा कर चुका है...
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जैविक का व्यापार, एनजीओ और सरकार --- योगेश दीवान
कितना आश्चर्यजनक है कि अचानक मध्यप्रदेश के कृषि मंत्री पानी बाबा की तर्ज पर ''जैविक बाबा'' हो जाते हैं और मुख्यमंत्री जैविक प्रदेश घोषित करने के लिये धन्यवाद के पात्र. ये वही मुख्यमंत्री और कृषि मंत्री हैं, जो कुछ दिन पहले तक और अभी भी प्रदेश की खेतिहर जमीन को बड़ी ही सामंती उदारता से बड़ी-बड़ी कंपनियों को बांटते हुए फोटो खिंचा रहे थे. इसे परंपरागत जैविक के एकदम खिलाफ...
More »जीएम खाद्य थोपने पर तुली सरकार-रविंद्र गिन्नौरे
1.दुनिया के किसी देश की सरकार ने ऐसी पहल नहीं की, जो हमारी सरकार करने जा रही है. 2.केंद्र सरकार ने स्पष्ट कह दिया है कि जीएम खाद्य स्वास्थ्य को किसी प्रकार से नुकसान नहीं पहुंचाते. 3.दूसरी ओर, भारत में जेनेटिक मोडिफ़ाइड फ़सलों के अपशिष्ट को खाकर कई स्थानों पर पशु मारे जा चुके हैं. भारत सरकार जिस तरह जीएम खाद्य फ़सलों को हम पर थोपने पर तुली है वह शंका का कारण...
More »जहर का कारोबार- वंदना शिवा
भोपाल गैस त्रासदी मनुष्य जाति के इतिहास का भयावहतम औद्योगिक हादसा था, लेकिन इसके शिकार हुए लोगों के साथ हुआ अन्याय भी किसी त्रासदी से कम नहीं है। यूनियन कार्बाइड में ‘काराबिल’ नामक कीटनाशक बनाया जाता था, जिसका इस्तेमाल मुख्यत: कपास की खेती में होता है। गैस त्रासदी के बाद ही मैंने निश्चय किया था कि मैं जैविक खेती को बढ़ावा देने की कोशिश करूंगी और यही विचार ‘नवधान्य’ की...
More »जीन का जिन्न-- देविंदर शर्मा
एक बार जीन बाहर आ जाए तो इसे रोकने का कोई रास्ता नहीं है. इसका लंबे समय से डर था. सामाजिक कार्यकर्ता और सजग वैज्ञानिक इसकी चेतावनी दे चुके थे, किंतु सरकार ने आंखें मूंदे रखीं. अब डर सच साबित हो चुका है. इसने पर्यावरण प्रदूषण के एक और विनाशकारी रूप-जीन प्रदूषण पर चिंता बढ़ा दी है. जीएम धान दिल्ली के एक अनुसंधान संगठन 'जीन कैंपेन' ने पता लगाया है कि बीज कंपनी...
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