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महंगी मजदूरी के साथ ही महंगे डीजल ने तोड़ी धान किसानों की कमर, सात दिन में डीजल 4 रुपये बढ़ा

-आउटलुक, केंद्र सरकार ने खरीफ विपणन सीजन 2020-21 के लिए धान के न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) में 53 रुपये प्रति क्विंटल की मामूली बढ़ोतरी ही की है जबकि दोगुनी मजूदरी के साथ ही डीजल की कीमतों में हुई बढ़ोतरी से धान रोपाई की लागत ही 18 से 20 फीसदी तक बढ़ गई है। पिछले सात दिनों से डीजल की कीमतों में करीब चार रुपये प्रति लीटर की बढ़ोतरी हो चुकी है...

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खरीफ फसलों का नया एमएसपी घोषित, धान के मूल्य में 53 रुपए बढ़े

-डाउन टू अर्थ,  केंद्र सरकार ने 14 खरीफ फसलों का न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) बढ़ाने का फैसला लिया है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में हुए 1 जून को हुई आर्थिक मामलों की केबिनट कमेटी की बैठक में यह निर्णय लिया गया। बैठक के बाद केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तौमर ने संवाददाता सम्मेलन में बताया कि सरकार ने वादा किया था कि किसानों को लागत से डेढ़ गुना अधिक एमएसपी दिया...

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बीजों का त्यौहार अक्ति और इससे जुड़ी जैविक खेती की अनोखी पहल -बाबा मायाराम

छत्तीसगढ़ के महासमुंद जिले के एक छोटा सा गांव कुहरी। गांव में पारंपरिक त्यौहार अक्ति मनाया गया, जिसके साथ जैविक खेती के नए आयाम जुड़े हैं। यहां की महिला किसानों ने इस मौके पर ठाकुरदेव की पूजा अर्चना की और अच्छी नई फसल की कामना की। पूजा-अर्चना के साथ ही इस त्यौहार के अवसर पर महिलाओं ने जैविक खेती करने का भी संकल्प लिया।  कुहरी गांव, बांसकुडहा पंचायत के अंतर्गत आता है। यह कोडार बांध के पास है,...

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मई माह के कृषि कार्य

-फसल क्रांति, मई का महीना अपेक्षाकृत काफी गर्म रहता है। अतः किसान भाई अपना, अपने परिवार, पशुओं और खेत में खड़ी फसलों को सूर्य की तेज गर्मी से बचाने का विशेष ध्यान रखें। मई के महीने में किये जाने वाले प्रमुख कार्यों में धान की नर्सरी तैयार करना, मृदा परीक्षण, कपास की बुवाई, अनाज भंडारण व ग्रीष्मकालीन फसलों की देखभाल सम्मिलित हैं। इसके अलावा फसल चक्र भी इसी समय निश्चित किये...

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ग्रामीण भारत में कोरोना : फसल बेचने में असमर्थ बंगाल के किसानों पर बढ़ रहा है क़र्ज़ का बोझ

-न्यूजक्लिक,  गोपीनाथपुर, कृष्णपुर और सर्पलेहना गाँव पश्चिम बंगाल राज्य के तीन अलग-अलग कृषि-पारिस्थितिक क्षेत्रों में स्थित हैं। किस मात्रा में सिंचाई की उपलब्धता है, उसी अनुपात में जमीन में खेती-बाड़ी की जा सकती है जो कि इन क्षेत्रों में अलग-अलग है। गोपीनाथपुर बांकुरा क्षेत्र के कोटुलपुर ब्लॉक में पड़ता है, जो कि कृषि क्षेत्र के लिहाज से पश्चिम बंगाल के सबसे विकसित क्षेत्रों में से एक है। दूसरी और नादिया जिले...

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