SEARCH RESULT

Total Matching Records found : 54

सूचना अराजकता का ‘राज’स्थान- शिरीष खरे(तहलका)

मुख्यमंत्री कार्यालय सहित ज्यादातर विभागों में देरी से जवाब, गोलमोल जवाब या जवाब ही न देने का रवैया सूचना के अधिकार को सबसे पहले लागू करने वाले राजस्थान में इस अधिकार को बेमानी बना रहा है. शिरीष खरे की रिपोर्ट बीते 11 अक्टूबर यानी सूचना के अधिकार कानून के छह साल पूरे होने से ठीक एक दिन पहले एक नये स्थान और अवसर पर वही पुराना वाकया. हरियाणा के हिसार...

More »

छत्तीसगढ़ में एसपीओ और सुप्रीम कोर्ट - कनक तिवारी

जुलाई 2011 को सुप्रीम कोर्ट के माननीय न्यायमूर्ति सेवानिवृत्त होते बी. सुदर्शन रेड्डी और सुरेन्दर सिंह निज्जर की पीठ ने ऐतिहासिक फैसला देते हुए छत्तीसगढ़ शासन के उन आदेशों को निरस्त कर दिया है, जिनके अनुसार बस्तर में नक्सलियों से निपटने के लिए विशेष पुलिस कर्मी (एसपीओ) को भरती कर मजबूर, गरीब और लगभग अशिक्षित आदिवासी युवकों के हाथों में कथित आत्मसुरक्षा के नाम पर बंदूकें थमा दी गई थीं....

More »

स्कूलों की पुकार अब सुनेंगे योजनाकार- रवीन्द्र बड़थ्वाल

शिक्षकों की कमी, बगैर भवनों-लेबोरेट्री, लाइब्रेरी के साथ ही बिजली और पेयजल के बगैर संसाधनों के चीथड़ों में दबे-छिपे सरकारी माध्यमिक स्कूल ज्यादा देर तक राज्य और केंद्र के योजनाकारों की निगाहों से नहीं छिप सकेंगे। स्कूल एजुकेशन मैनेजमेंट इनफॉरमेशन सिस्टम के जरिए सूबे के 2700 से ज्यादा सरकारी और निजी माध्यमिक स्कूलों के बारे में जरूरी सूचनाएं अब ऑनलाइन उपलब्ध हैं। जल्द ही इन सूचनाओं की पहुंच आम...

More »

नई लीक का सिपाही

स्वतंत्रता के मूल्य के घोर समर्थक अमेरिका को इसी मूल्य पर चलकर चुनौती देने वाले जूलियन असांज की उतार-चढ़ाव भरी जीवनयात्रा पर ऋषि मजूमदार का आलेख ठिठुरते लंदन में उस दिन वेस्टमिंस्टर मजिस्ट्रेट कोर्ट के बाहर मीडिया और पुलिसकर्मियों का जमावड़ा देखकर कोई नहीं कह सकता था कि यूरोप में दशकों बाद कड़ाके की ठंड पड़ रही है. यह पिछली सात तारीख की बात है. दुनिया भर में अपनी वेबसाइट विकीलीक्स...

More »

सूचना आयुक्त ही दबा रहे हैं जानकारी -- सचिन जैन और रोली शिवहरे

हमने तंत्र और उसे चलाए रखने वाले लोगों की जवाबदेही सुनिश्चित करने के लिये सूचना के अधिकार कानून की पैरवी की थी, परन्तु जब सरकार इसे लागू करने के लिये जिम्मेदार आयोगों में नौकरशाहों को नियुक्त करने लगती है तब हमें चौकन्ना हो जाना चाहिये. अपने सेवाकाल के करीब तीस सालों या 12775 दिनों में तंत्र के हिस्से के रूप में काम करते हुये जिन लोगों ने उसे गैर जवाबदेह बनाया,...

More »

Video Archives

Archives

share on Facebook
Twitter
RSS
Feedback
Read Later

Contact Form

Please enter security code
      Close