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मौसम की मार से फसल बर्बाद होने के बावजूद मुआवजे से वंचित भूमिहीन किसान

मोंगाबे हिंदी, 21 फरवरी उत्तर प्रदेश में सीतापुर जिले के तुरकौली गांव में रहने वाले 64 वर्षीय किसान राम सागर की अक्टूबर 2022 में भारी और बेमौसम बारिश के कारण साढ़े तीन एकड़ धान की फसल बर्बाद हो गई थी। इसी गांव में रहने वाले 42 साल के जाबिर अली का हाल भी कुछ ऐसा ही था। उनके एक एकड़ जमीन पर लगा धान बारिश की वजह से पूरी तरह खराब...

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क्या महंगा पड़ सकता है ईंधन के लिए गन्ने का उपयोग?

द थर्ड पोल, 14 फरवरी उत्तर प्रदेश में मेरठ के बाहरी इलाके में पिछले कुछ महीनों से बड़ी-बड़ी चिमनियां लगातार धुंआ उगल रही हैं। अक्टूबर से अप्रैल गन्ना-पेराई का मौसम होता है। गन्ने की मदद से भी इथेनॉल बनता है। इस दौरान यहां की चीनी मिलें चालू रहती हैं। बिजली पैदा करने के लिए गीले पौधों के कचरे को जलाया जाता है, जिससे धुआं पैदा होता है, जो वातावरण में मंडराता...

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बिहार : APMC ख़त्म होने के बाद उत्पादन तो बढ़ा पर नहीं हुआ किसानों को फ़ायदा !

न्यूज क्लिक, 24 जनवरी  "साल 2006 में मंडी क़ानून ख़त्म होने के बाद राज्य में मूल्य और उत्पादन स्तर पर किसानों को गेहूं और धान में क़रीब 90 हज़ार करोड़ रुपये और सभी फ़सलों को मिला दें तो लगभग डेढ़ लाख करोड़ रुपये का नुक़सान हो रहा है।" बिहार के सुपौल जिला के बीना बभनगामा गांव के 54 वर्षीय अजय मिश्रा बताते हैं, "हमने 2022 के दिसंबर महीने में निजी व्यापारी नरेश...

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जलवायु परिवर्तन के प्रभावों से निपटने के लिए किसानों को सतत मूल्‍य श्रृंखलाओं की जरूरत

डाउन टू अर्थ, 23 जनवरी स्‍थानीय स्‍तर पर किया गया पारितान्त्रिक बहाली कार्य अनुकूलन को सम्‍भव बनाने और जलवायु के प्रति लोगों की सहनशीलता को बढ़ाने के लिए महत्‍वपूर्ण है, जो कि हाल ही में जलवायु परिवर्तन पर यूनाइटेड नेशंस फ्रेमवर्क कन्‍वेंशन द्वारा आयोजित 27वीं कांफ्रेंस ऑफ पार्टीज (सीओपी27) के दौरान विचार-विमर्श का एक प्रमुख केन्‍द्र भी रहा। जलवायु परिवर्तन के बढ़ते प्रभाव, फसल का घटता रकबा, जैव-विविधता को नुकसान, अपर्याप्‍त भोजन...

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मौसम विभाग की रिपोर्ट ; पांचवां सबसे गर्म साल रहा 2022

भारत में मौसमी घटनाओं के कारण वर्ष 2022 में 2,227 लोगों की जाने चली गई। सबसे अधिक मौतें बिहार राज्य (418) से हुई हैं। उसके बाद असम से 257, उत्तर प्रदेश से 201, ओडिशा से 194 और महाराष्ट्र के 194 लोगों की जीवन लीला मौसमी कारकों के कारण समाप्त हो गई। मौसम विभाग की रपट के अनुसार; इसके पीछे की वजहों को देखें तो सबसे बड़ा कारक आकाशीय बिजली और आंधी–तूफान है।...

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