‘18 अप्रैल के बिटिया के गवना के दिन धइले बाटीं, हर साल एक से डेढ़ एकड़ बोअत रहलीं, अबकी तीन एकड़ गन्ना बो देहलीं. सोचलीं कि बिटिया के गवनवा के खर्चा फसलिया बेच के निपटाई देब. फसल बढ़िया भईल तब सोचलीं भगवानों दुखिया के दर्द समझत बाटें, केहू से कर्जा नाहीं लेवेके पड़ी. जनवरी बीत गईल, गन्ना अबहीं खेतवे में खड़ा बा. 2014-15 के अबहीं 22 हजार रुपिया मिलवा से...
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देवास्वोम बोर्ड का यू-टर्न, कहा- सबरीमला मंदिर में महिलाओं के प्रवेश का करता है समर्थन
नई दिल्ली: केरल के सबरीमला मंदिर का संचालन करने वाले त्रावणकोर देवास्वोम बोर्ड ने बुधवार को उच्चतम न्यायालय में अपना रुख़ बदलते हुए कहा कि वह मंदिर में सभी आयु वर्ग की महिलाओं को प्रवेश की अनुमति देने संबंधी फैसले का समर्थन करता है. प्रधान न्यायाधीश रंजन गोगोई की अध्यक्षता वाली पांच सदस्यीय संविधान पीठ के समक्ष बोर्ड की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता राकेश द्विवेदी ने कहा कि यह उचित समय...
More »बंगाल की खाड़ी से बवंडर-- मृणाल पांडे
मूल मंशा चाहे जो रही हो, केंद्र से आये सीबीआई के जत्थे का यकायक कोलकाता के पुलिस कमिश्नर के घर पर नाटकीय धावा बोल देना बंगाल की खाड़ी से उठा एक बीहड़ बवंडर दिख रहा है. इसने देखते-देखते सारे देश को गिरफ्त में लेकर समूचे विपक्ष को ममता के पक्ष और केंद्र के खिलाफ लामबंद कर दिया है. यदि पता होता कि पांच साल पुराने मामले की जांच...
More »आजाद मीडिया के पक्ष में तर्क-- मृणाल पांडे
देश के हर चौराहे, चायखाने, पान की दुकान और शिक्षा परिसर में आजकल भारतीय लोकतंत्र के भविष्य पर चिंता जतायी जा रही है, नाना अटकलें लगायी जा रही हैं. और इन अटकलों का स्रोत मीडिया है, पारंपरिक या सोशल मीडिया. आजादी के सत्तर वर्षों बाद देश जनता को जागृत करनेवाली ताकत के रूप में मीडिया को पहचान रहा है, जिसके विमोचन के लिए गांधी जी ने ‘नवजीवन' नामक साप्ताहिक...
More »क्या कहती है सबरीमाला की राजनीति- एस, श्रीनिवासन
आखिरकार नए साल में 10 से 50 साल की उम्र की महिलाओं ने सबरीमाला में प्रवेश करके अपने भगवान अयप्पा की पूजा-अर्चना करने में कामयाबी हासिल कर ली। उन्हें यह सफलता सुप्रीम कोर्ट के आदेश के तीन महीने बाद मिल पाई है। ऐसा लगता है कि केरल की वाम मोर्चा सरकार औरतों को इस मंदिर में प्रवेश दिलाने के लिए माकूल वक्त का इंतजार कर रही थी। जिन दो महिलाओं...
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