रांची के इटकी प्रखंड इलाके के एक गांव की 60 वर्षीया महिला टीबी से ग्रस्त हैं. दुर्भाग्य से इस महिला को एचआइवी एड्स भी है. पिछले दिनों तबीयत काफी बिगड़ने के बाद उन्हें रांची स्थित रिम्स में इलाज के लिए भरती कराया गया. हालांकि वे फिलहाल ठीक हैं और टीबी और एचआइवी का उनका इलाज चल रहा है. स्वास्थ्य कर्मी उनके नियमित संपर्क में रहते हैं और अपने क्षेत्र भ्रमण...
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कुप्रबंध की संस्कृति- हरिवंश
देश, वाचाल वृत्ति, बौद्धिक विलासिता, पर-उपदेश वगैरह की ‘लचर जीवन संस्कृति’ से नहीं चलता. आज के भारत में सरकार, राजनीति से लेकर समाज स्तर पर यही जीवन संस्कृति है. अमर्त्य सेन जिस ‘आर्ग्यूमेंटेटिव इंडिया’ (बहस में डूबे भारत) की बात करते हैं, उसे जमीन पर देखें-समझें तो बात ज्यादा स्पष्ट और साफ होती है. मूलत: हम बातूनी लोग हैं, बिना कर्म बात-बहस करनेवाले. किसी के बारे में कुछ भी टिप्पणी....
More »होमियोपैथी की महत्ता को पहचानिए ।। डॉ एके अरुण ।।
प्रत्येक वर्ष 10 अप्रैल को दुनिया भर में ‘विश्व होमियोपैथी दिवस\' के रूप में याद किया जाता है. इस बहाने होमियोपैथी के कुछ महत्वपूर्ण पहलुओं पर चर्चा जरूरी है. यों तो शुरू से ही आधुनिक चिकित्सा पद्धति एलोपैथी का होमियोपैथी के प्रति तंग नजरिया रहा है. एक सहज एवं सस्ती चिकित्सा प्रणाली होते हुए भी होमियोपैथी को कभी महत्वपूर्ण या प्रमुख चिकित्सा पद्धति नहीं माना गया. लेकिन इस दो शताब्दी में...
More »हर 20 सेकेंड में मर जा रहा एक बच्चा, जानिये इस बीमारी के खतरे!
रांची. दुनिया में निमोनिया से प्रत्येक 20 सेकेंड में एक बच्चे की मौत होती है। इसका प्रमुख कारण है पीडि़त बच्चों के साथ घर में लापरवाही। जब बच्चा बीमार पड़ता है, तो लोग खुद से इलाज शुरू कर देते हैं और जब डॉक्टर तक पहुंचते हैं तब देर हो चुकी होती है। इसलिए जब भी सरदी, खांसी, सांस तेज चलना, छाती से घर्र घरघराहट की आवाज आती तो डॉक्टर से मिलें। आज...
More »यह नया कितना पुराना- कुमार प्रशांत
जनसत्ता 14 अगस्त, 2012: देश को नए मंत्री मिल गए हैं। देश की गहरी समस्याओं के जनक रहे पुराने लोग नई पोशाकों में आ खड़े हुए हैं। देखते हैं तो उनके हाथों में तलवारें भी वही बाबाआदम के जमाने की हैं- कागजी! सारे देश में सूखा पड़ा है और अभी अचानक बिजली चले जाने का नया रोग भी गहरा अंधेरा बनाने लगा है। इसे अगर एक प्रतीक से जोड़ कर...
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