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नीलगाय मुद्दे पर आमने-सामने आए मोदी सरकार के दो ताकतवर मंत्री

जदयू ने नीलगायों को मारने के मामले में केंद्रीय महिला और बाल विकास मंत्री मेनका गांधी पर अनावश्यक विवाद पैदा करने का आरोप लगाते हुए इसकी आलोचना की और बिहार के किसानों के हित में इस पशु को मारे जाने के कदम का समर्थन किया। जदयू प्रवक्ता और विधान परिषद सदस्य नीरज कुमार ने कहा, मेनका गांधी नीलगायों को मारने के मामले में अनावश्यक विवाद पैदा कर रही हैं। अगर...

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हिमाचल में बंदर हिंसक जानवर घोषित, उन्हें मारने की इजाजत

पर्यावरण मंत्रालय ने हिमाचल प्रदेश में रीसस मकाक बंदरों को एक साल के लिए हिंसक जानवर घोषित किया है और इस अवधि में उनकी संख्या नियंत्रित करने के लिए उन्हें मारने की अनुमति होगी। पिछले महीने जारी इस अधिसूचना में कहा गया है कि हिमाचल प्रदेश ने इलाके में जंगल से बाहर इस प्रजाति द्वारा बड़े पैमाने पर कृषि को नष्ट करने समेत जानमाल को भारी नुकसान पहुंचाने की खबर दी...

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वो 5 बातें जिनकी वजह से मनाना पड़ रहा है पृथ्‍वी दिवस

22 अप्रैल को दुनिया के 192 देश 46वां विश्व पृथ्वी दिवस मना रहे हैं। लेकिन मात्र एक दिन पृथ्वी दिवस के रूप में मना कर हम प्रकृति को बर्बाद होने से नहीं रोक सकते हैं। जीवन और पर्यावरण एक-दूसरे के पूरक हैं। पर्यावरण के बगैर जीवन असम्भव है। कोई दो राय नहीं कि अगर पृथ्‍वी खतरे में रहेगी तो मनुष्‍य जाति भी खतरे में रहेगी। दुर्भाग्‍यवश पृथ्‍वी का अस्ति‍त्‍व खतरे...

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अब चूके तो हाथ धो बैठेंगे पानी से- अनिल जोशी

पूरे देश में पानी को लेकर झगड़े शुरू हो चुके हैं। कहीं धारा-144 लगी है, तो कहीं बंदूकों के साये में पानी की चौकीदारी हो रही है। जगह-जगह पानी पर ताले लगे हैं। कई जगह रसूखदारों और दबंगों ने पानी पर अपना अधिकार जमा लिया है। पहले फसल चौपट हुई थी और अब लोगों को पीने का पानी तक नहीं मिल रहा। पानी तो खैर पहले भी बिकता था, अब...

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मिलावटी दूध की बहती गंगा - भवदीप कांग

शुरुआत इसी विरोधाभासी तथ्य से करें कि भारत दुनिया का सबसे बड़ा दुग्ध उत्पादक देश है! पिछले पंद्रह वर्षों में भारत में प्रति व्यक्ति दूध उपलब्धता बढ़कर लगभग दोगुनी हो गई है। अब यह 322 ग्राम प्रतिदिन है। ऐसे में सवाल उठना स्वाभाविक है कि जब भारत में दूध की मांग व आपूर्ति का तंत्र अच्छी तरह विकसित हो चुका है तो हम मिलावटी दूध पीने को मजबूर क्यों हैं?...

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