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मिड डे मील: चखने के बाद ही परोसें भोजन

कोलकाता: मिड डे मील में वर्तमान हालात से सबको आगाह करते हुए विशेष एहतियात एवं सावधानी बरतने का निर्देश दिया गया है. पश्चिम बंगाल स्कूल शिक्षा विभाग के सचिव अर्नव रॉय ने गुरुवार को एक संवाददाता सम्मेलन में कहा कि कि मिड डे मील से जुड़े कर्मचारी पहले स्वयं भोजन चखने के बाद ही बच्चों में परोसे. हाल के दिनों में जिस तरह के हालात बने हैं उसमें खास सावधानी...

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शहरी गरीबों को भी मिलेंगी बेहतर स्वास्थ्य सुविधाएं

शुरुआत : बंगलुरू में राष्ट्रीय शहरी स्वास्थ्य मिशन लांच 50,000 से अधिक आबादी वाले 779 शहरों को शामिल किया जाएगा इस योजना के तहत मार्च 2015 तक 80 फीसदी योगदान होगा केंद्र सरकार का इस योजना को लागू करने के दौरान आने वाले खर्च में शहरी गरीब को पर्याप्त और कुशल सार्वजनिक स्वास्थ्य वितरण प्रणाली उपलब्ध कराने के उद्देश्य से यूपीए सरकार की महत्वाकांक्षी...

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613 गांवों को मिलेगा पीने का शुद्ध पानी

पटना: नौ जिलों के 613 गांवों में रहनेवाले लोगों को इस वर्ष शुद्ध पेयजल मिलेगा. केंद्र की राष्ट्रीय ग्रामीण पेयजल आपूर्ति योजना के तहत सभी गांवों में शुद्ध पेयजल की आपूर्ति होगी. बिहार सरकार के स्तर पर सिर्फ मधुबनी जिले की छह ग्रामीण जलापूर्ति योजनाओं को संस्टेबल बनाने का काम होगा. इस पर 89.90 लाख रुपये खर्च होंगे. मधुबनी में जलापूर्ति योजना का काम बिहार राज्य जल एवं स्वच्छता मिशन...

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महज लिंक वर्कर नहीं सोशल एक्टिविस्ट भी हैं सहिया

झारखंड में गांव-गांव में सेहत की अलख जगाने वाली सहिया दीदी का स्वरूप महज लिंक वर्कर जैसा नहीं है. झारखंड में सेहत के मसले पर काम करने वाली संस्थाओं ने इसे सेहत के मसले पर गांव में मौजूद सामाजिक कार्यकर्ता का स्वरूप दिया है. इसका काम सिर्फ गांव के लोगों को सेहत से संबंधी सुविधाएं उपलब्ध कराना नहीं है, बल्कि सेहत से संबंधी समस्याओं के लिए गांव के लोगों को...

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गांव की सेहत का पहिया है सहिया दीदी

झारखंड जैसे पिछड़े राज्य के गांवों में स्वास्थ्य सेवाओं की स्थिति अब भी काफी खराब है. गांव में समय पर स्वास्थ्य सेवाएं नहीं मिलने के कारण ही यहां गर्भवती महिलाओं व नवजात बच्चों की असमय मौत हो जाती है. भारत सरकार ने इस समस्या को समझते हुए हर गांव में महिला स्वास्थ्य कार्यकर्ता तैनात किया है. देश के दूसरे राज्यों में इन्हें आशा कहा जाता है, जबकि झारखंड में इन्हें सहिया...

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