-द वायर, ‘भविष्य की खोज’ – यही शीर्षक था उस दार्शनिक व्याख्यान का, जिसे जाने-माने ब्रिटिश लेखक जनाब एचजी वेल्स ने लंदन के रॉयल इंस्टिट्यूशन के सामने दिया था. (1902) आज के वक्त़ भले ही दुनिया उन्हें ज्यूल वर्न्स के साथ साइंस फिक्शन के जन्मदाता को तौर पर अधिक जानती हो, लेकिन अपने जमाने में वह प्रगतिशील सामाजिक आलोचक के तौर पर मशहूर थे और उन्होंने कई विधाओं में लेखन किया...
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विमुक्त-घुमंतू जनजातियों का आजादी दिवस और अखबारों का सन्नाटा!
-गांव सवेरा, अंग्रेजी के एक भी अखबार में डिनोटिफाइड ट्राइब्स के आजादी दिवस समारोह को लेकर कोई खबर नहीं है. अंग्रेजी के जिन अखबारों को हमारी टीम ने टटोला उनमें द हिंदू, द इंडियन एक्सप्रेस, द टाइम्स ऑफ इंडिया, द पायनियर, हिंदुस्तान टाइम्स अखबार शामिल रहे. वहीं हिंदी के अखबारों का भी यही हाल रहा. कल 31 अगस्त को विमुक्त-घुमंतू जनजातियों या डिनोटिफाइड ट्राइब्स (डीएनटी) ने अपना 70वां आजादी दिवस मनाया. हिंदी...
More »विमर्श : इतिहास पर छापा
-आउटलुक, “हिंदुत्ववादी शक्तियां इतिहास को विचारधारा के अनुसार बदलने के लिए राजसत्ता का इस्तेमाल करती हैं” पिछली शताब्दी के शुरुआती वर्षों से ही हिंदू सांप्रदायिक शक्तियां भारत के अतीत को अपने चश्मे से देखकर इतिहास को अपनी विचारधारा के अनुसार बदलने की कोशिश करती रही हैं। पुरुषोत्तम नागेश ओक ने पांच दशकों से भी अधिक समय तक इस अभियान का नेतृत्व किया और कई पुस्तकें लिखीं। 1964 में ‘भारतीय इतिहास पुनर्लेखन संस्थान’...
More »आधिकारिक डेटा 2020 राष्ट्रव्यापी लॉकडाउन के दौरान शहरी क्षेत्रों में आजीविका संकट के गहराने की पुष्टि करता है!
हाल ही में जारी किया गया त्रैमासिक आवधिक श्रम बल सर्वेक्षण (पीएलएफएस) डेटा मोटे तौर पर देशव्यापी लॉकडाउन अवधि के दौरान रोजगार और नौकरियों में गिरावट की पुष्टि करता है, हालांकि विभिन्न सर्वेक्षण-आधारित अध्ययन और शोध पत्र इस बात की ओर इशारा करते हैं कि पिछले साल लॉकडाउन के बाद के महीनों में कुछ हद तक सुधार हुआ है. पीएलएफएस पर त्रैमासिक बुलेटिन केवल वर्तमान साप्ताहिक स्थिति (सीडब्ल्यूएस) संदर्भ में...
More »नरेन्द्र मोदी का विरोध लंदन में, "मोदी इस्तीफा दो" का बैनर लटकाकर मांगा मोदी का इस्तीफा
-कारवां, 15 अगस्त की सुबह ब्रिटेन के प्रवासी भारतीय के एक दल ने लंदन के वेस्टमिंस्टर ब्रिज में भारतीय प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के इस्तीफा की मांग वाला बैनर लटका कर प्रदर्शन किया. इस दौरान प्रदर्शनकारियों ने भारतीय उच्चायोग के बाहर मोमबत्तियां जलाकर मोदी शासन के पीड़ितों को याद किया. कार्यक्रम के आयोजकों में से एक दक्षिण एशिया सॉलिडेरिटी ग्रुप के मुक्ति शाह ने इस कार्रवाई के बारे में बताया कि “भारत अपना 75वां...
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