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हिंदी में रिपोर्टिंग करने वाले पत्रकारों के लिए फ़ेलोशिप

पत्रकार की ज़िम्मेदारी है कि वह समाज में हो रहे बदलावों और उथल-पुथल पर बारीक नज़र रखें. घटनाओं की रिपोर्टिंग करने के साथ-साथ उसकी तह तक पहुंचे. तहकीक़ात करें. जनता के मुद्दों और समावेशी लोकतंत्र के ज़रूरी विषयों को टटोलें. नागरिक अधिकार, मानवाधिकार और मौलिक अधिकार जैसे सवालों पर चौकस रहे. सरकार की नाकामियों को शिद्दत के साथ उजागर करें. सवाल करें. स्वास्थ्य, खेती-किसानी और राजनीति से लेकर पर्यावरण के...

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योगी सरकार के विज्ञापन में कोलकता के फ्लाईओवर की तस्वीर

-न्यूजलॉन्ड्री, रविवार को इंडियन एक्सप्रेस अखबार में उत्तर प्रदेश सरकार का तीन पेज का विज्ञापन प्रकाशित हुआ है. पहले पेज पर यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की आदमकद तस्वीर है जिसके साथ लिखा है, ‘ट्रांसफॉर्मिंग उत्तर प्रदेश अंडर योगी आदित्यनाथ’. मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व में बदलाव की कहानी कहने के लिए इन विज्ञापनों में कई दावे किए गए हैं. पहले पेज के विज्ञापन में मुख्यमंत्री की तस्वीर के साथ ही एक...

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अरावली में बगावत: कैसे भील आदिवासी राजनीति का व्याकरण बदल रहे हैं

-कारवां,  2 सितंबर 2021 को उदयपुर के एसपी कार्यालय से एक खत जिले के सभी सर्किल ऑफिसरों के नाम जारी हुआ. इस खत में 1 सितंबर 2021 के रोज राजस्थान पुलिस के इंटेलिजेंस विभाग के महानिदेशक खत का हवाला देते हुए दक्षिण राजस्थान में सक्रिय राजनीतिक दल भारतीय ट्राइबल पार्टी और अन्य आदिवासी संगठनों पर निगरानी रखने के निर्देश दिए गए थे.  दरअसल पिछले साल 7 सितंबर को आदिवासी युवाओं ने शिक्षक भर्ती परीक्षा...

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केंद्र सरकार ने 2022-23 के लिए रबी फसलों की MSP में की बढ़ोतरी, खेतीबाड़ी जानकारों ने बताया नाकाफी

-गांव सवेरा, आर्थिक मामलों की मंत्रिमंडल समिति ने रबी विपणन सीजन (आरएमएस) 2022-23 के लिए सभी रबी फसलों के न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) में बढ़ोतरी करने को मंजूरी दी है. सरकार ने आरएमएस 2022-23 के लिए रबी फसलों की एमएसपी में इजाफा कर दिया है. सरकार ने गेहूं, जौ, चना, मसूर, सरसों और सूरजमुखी की सरकारी खरीद की कीमतों में इजाफा किया है. गेहूं की एमएसपी (न्यूनतम समर्थन मूल्य) 1975 रुपये प्रति...

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ग्राउंड जीरो: गुम है रोशनी कहीं

-आउटलुक, “दुनिया के सामने तालिबान की पेश हुई उदार छवि उसके सत्ता कब्जाने के तरीके से कैसे हवा हुई और अफगानी समाज के विभिन्न तबकों का नजरिया क्या” हम पर और ताजा-ताजा कब्जे वाले काबुल पर पूरी दुनिया की नजर है। लेकिन 18 अगस्त को राजधानी से 240 किमी. उत्तर-पश्चिम के शहर से ऐसी खबर आई, जो बताती है कि अफगानिस्तान में आगे क्या होने वाला है। पहाड़ियों और रहस्यमय गुफाओं की...

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