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भारत की प्रशासनिक सेवाओं में महिलाएं इतनी कम क्यों?

-इंडियास्पेंड, साल 1951 में पहली बार जब भारतीय प्रशासनिक सेवा (IAS) में महिलाओं को शामिल करने का फैसला लिया गया तो एक महिला थी, लगभग सात दशक बाद 2020 में महिलाओं की संख्या कुल आईएएस अधिकारियों का सिर्फ 13% है। अशोका यूनिवर्सिटी में त्रिवेदी सेंटर फॉर पॉलिटिकल डेटा (टीसीपीडी) द्वारा संकलित भारतीय प्रशासनिक सेवा अधिकारी डेटासेट (indian Administrative Service Officers Dataset) को लेकर किए गए विश्लेषण में इंडियास्पेंड ने पाया कि 1951...

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अर्थव्यवस्था की खातिर मोदी और RBI के लिए 2022 का मंत्र- शांति से सुधार जारी रखें

-द प्रिंट,  भारत जब वर्ष 2022 में प्रवेश कर रहा है, नरेंद्र मोदी सरकार के लिए ये कई चुनौतियां मुंह बाये खड़ी हैं- कोविड की नयी लहर, वृहत अर्थव्यवस्था के मोर्चे पर स्थिरता बनाए रखना, आर्थिक वृद्धि की दर में सुधार के लिए आर्थिक सुधारों को आगे बढ़ाना. ओमीक्रॉन भारत को कोविड की नयी लहर का सामना करना पड़ सकता है, लेकिन व्यापक टीकाकरण, वाइरस से लड़ने की क्षमता में वृद्धि और हमारी...

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ग्लोबल उथल पुथल के बीच अर्थव्यवस्था की मजबूती के लिए बुनियादी बातों पर भी ध्यान देना जरूरी

-द प्रिंट, दुनियाभर में मौद्रिक नीति में बदलावों के कारण शेयर बाजारों में इन दिनों उथलपुथल चल रही है. अमेरिकी फेडरल रिजर्व ने भी मौद्रिक नीति में सामान्यीकरण का संकेत दिया तो रुपये पर दबाव बढ़ गया. पिछले कुछ महीनों से कीमतों में तेजी के कारण कई बड़े देशों के केंद्रीय बैंक सामान्यीकरण की नीति अपनाने लगे हैं. मुद्रास्फीति जब नयी ऊंचाई को छूने लगी तो अमेरिकी फेडरल रिजर्व ने इस महीने...

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भारत में कृषि क्षेत्र को सुधार की जरूरत, किसान आंदोलन की जीत से आगे बढ़कर नया घोषणापत्र बनाने का समय

-द प्रिंट, किसान आंदोलन की ऐतिहासिक जीत के साथ एक खतरा यह बंध गया है कि कहीं आंदोलन यथास्थितिवाद के गर्त में ना लुढ़क जाये. ऐसा ना तो इष्ट-अभीष्ट है और ना ही आंदोलन के लिए व्यावहारिक. हां, हमारे आंदोलन को यथास्थितिवाद के रसातल में ढकेलने का काम एक-दूसरे के विरोधी नजर आने वाले दो खेमों की तरफ से हो सकता है. ऐसा एक खेमा बाजारवादी सुधारों के पैरोकार पंडितों का है...

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जलवायु परिवर्तन की वजह से भारतीय बच्चों में बढ़ रहा है संक्रामक रोगों का खतरा

-डाउन टू अर्थ, जलवायु परिवर्तन के चलते भारतीय बच्चों के संक्रामक रोगों की चपेट में आने का खतरा बढ़ रहा है यह जानकारी हाल ही में भारतीय शोधकर्ताओं द्वारा किए एक अध्ययन में सामने आई है। बनारस में बच्चों पर किए इस शोध में 16 वर्ष से कम उम्र के बच्चों में संक्रामक रोगों और जलवायु परिवर्तन के बीच के सम्बन्ध का पता चला है। शोध के अनुसार संक्रामक रोगों से...

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