नई दिल्ली: राष्ट्रीय राजधानी और देश के अन्य हिस्सों में प्याज का खुदरा भाव 70 से 80 रुपये प्रति किलो की ऊंचाई पर पहुंच चुका है. ऐसे में केंद्र सरकार प्याज व्यापारियों के भंडारण की सीमा तय करने पर विचार कर रही है. सूत्रों का कहना है कि प्रमुख प्याज उत्पादक राज्यों में मानसून की भारी बारिश से आपूर्ति प्रभावित हुई है जिसकी वजह से इसकी कीमतों में उछाल आया है. उपभोक्ता...
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बजट 2018: घट गया पिछले साल के मुकाबले खेती-किसानी और ग्रामीण विकास का बजट
वित्तमंत्री का बजट भाषण पूरा हुआ, इस भाषण में खेती-किसानी का जिक्र कितना था ? तकरीबन बारह हजार (11,937) शब्दों के बजट-भाषण में खेती-किसानी पर लगभग सवा दो हजार (2,256) शब्द ! मतलब पूरे भाषण का पांचवां हिस्सा देश के ग्रामीण विकास के नाम! पूरे भाषण में 27 दफे ‘किसान' (Farmer) शब्द आया और 16 दफे किसानी (Agriculture) का जिक्र. हालांकि ‘किसान-आत्महत्या' या ‘ग्रामीण-संकट' जैसा कोई शब्द बजट-भाषण में नहीं था तो भी...
More »प्रमुख फसलों से आमदनी में गिरावट आयी है-- दलवई समिति की रिपोर्ट
अगर आप जानना चाहते हैं कि मध्यप्रदेश, महाराष्ट्र, राजस्थान सहित अन्य राज्यों में किसानों का आक्रोश सड़कों पर क्यों उबल रहा है तो किसानों की आमदनी दोगुनी करने के सवाल पर तैयार की गई एक रिपोर्ट आपके बड़े काम की हो सकती है. 2022 तक किसानों की आमदनी दोगुनी करने के सवाल पर गठित एक समिति की रिपोर्ट के मुताबिक किसानों को कुछ प्रमुख फसलों से होने वाली शुद्ध आमदनी में...
More »दलहन की बुवाई के रकबे में रिकार्ड वृद्धि !
खरीफ की मुख्य फसलों के सकल बुवाई क्षेत्र में पिछले खरीफ मौसम की तुलना में इस बार बढोत्तरी हुई है और सर्वाधिक उल्लेखनीय वृद्धि दलहन के रकबे में हुई है. इस माह जारी कृषि मंत्रालय के एक दस्तावेज के मुताबिक चावल, दाल और मोटहन की बुवाई का रकबा पिछले खरीफ सीजन(जुलाई से अक्तूबर 2015-16) की तुलना में इस बार 4.2 फीसद ज्यादा है.(देखें नीचे दी गई लिंक) दलहन का सकल बुवाई...
More »खाद्यान्न-उत्पादन : सूखे की मार के बीच क्या कहता है कृषि मंत्रालय का नया आकलन
कृषि मंत्रालय के एक हालिया पुर्वानुमान में कहा गया है कि मौजूदा फसली-वर्ष में खाद्यान्न उत्पादन कमोबेश पिछले साल जितना बना रहेगा.(देखें नीचे की लिंक) गौरतलब है कि बीते मार्च महीने में हुई बेमौसम बारिश और ओलावृष्टि से दस राज्यों में हुए फसलों के नुकसान और जारी सूखे बीच आशंका जतायी जाती रही है कि चालू फसली-वर्ष में खाद्यान्न उत्पादन में कमी आयेगी. 2014-15 में कुल खाद्यान्न उत्पादन 252.02 मिलियन टन था...
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