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पांच एकड़ से ज्यादा जमीन 8.6% सवर्ण हिंदू परिवारों के पास

पटना: आम धारणा है कि बिहार की ऊंची जातियों के पास ही जमीन का रकबा संकेंद्रित हैं. पर सवर्ण आयोग की रिपोर्ट इस धारणा को खंडित करती है. हिंदुओं की ऊंची जाति के 55.1 फीसदी और मुसलमानों की ऊंची बिरादरी के 86.1 फीसदी हाउसहोल्ड (परिवार) के पास जमीन का मामूली टुकड़ा है. ये ऐसे परिवार हैं, जिसके पास एक एकड़ से भी कम जमीन है. इसका अर्थ है कि हिंदुओं...

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मुसीबतों के फंदे में उलझा किसान - संजय गुप्‍त

बीते बुधवार को दिल्ली में जंतर-मंतर पर आम आदमी पार्टी की किसान रैली के दौरान राजस्थान के किसान गजेंद्र सिंह की जिस ढंग से मौत हुई, उसने न केवल लोगों को झकझोरा, बल्कि दशकों पुरानी किसानों की समस्याओं को एक बार फिर सतह पर ला दिया। मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल समेत 'आप" के अन्य बड़े नेताओं की उपस्थिति में गजेंद्र पहले एक पेड़ पर चढ़े और फिर उन्होंने अपने गले में...

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मनरेगा में एससी परिवारों को सबसे ज्यादा रोजगार- एनएसएसओ की रिपोर्ट

राष्ट्रीय स्तर के आंकड़े एक बार फिर इस निष्कर्ष की पुष्टी करते हैं कि मनरेगा वंचित तबकों विशेषकर अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति तथा अन्य पिछड़ा वर्ग के परिवारों को जीविका प्रदान करने में कारगर साबित हो रहा है। देश के ग्रामीण इलाकों के 59,700  परिवारों के सर्वेक्षण पर केंद्रित राष्ट्रीय नमूना सर्वेक्षण के नवीनतम आकलन में बताया गया है कि मनरेगा के अंतर्गत रोजगार पाने वाले लोगों में सर्वाधिक संख्या अनुसूचित...

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झारखंड के मजदूर देश में सबसे सस्ते - आशुतोष सिंह

केंद्र की निगाह में झारखंड के मनरेगा मजदूर सबसे सस्ते हैं। इसीलिए केंद्रीय ग्रामीण विकास मंत्रलय ने यहां मनरेगा मजदूरों की मजदूरी सिर्फ 162 रुपये प्रतिदिन तय की है। पूर्वी भारत के राज्यों में रोजगार की कमी और बेरोजगारों की संख्या अधिक होने के कारण ऐसा हुआ है। केंद्र ने हरियाणा के मजदूरों के लिए सबसे अधिक 250 रुपये प्रतिदन तय किया है। झारखंड में अकुशल मजदूरों की न्यूनतम मजदूरी...

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विकास की जिम्मेदारी राज्यों की- एम के वेणु

राजग सरकार ने 'सहकारी संघवाद' की अपनी धारणा के तहत, जो प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को बेहद प्रिय है, केंद्र और राज्यों के बीच वित्तीय बंटवारे के पैटर्न को बुनियादी तौर पर बदलना चाहा है। उदाहरण के तौर पर, वित्त मंत्री अरुण जेटली द्वारा पेश बजट में स्वास्थ्य, बाल विकास, शिक्षा, ग्रामीण पेयजल, आवास जैसे महत्वपूर्ण विकास कार्यक्रमों के मद में दी जाने वाली केंद्रीय सहायता में करीब 75,000 करोड़ रुपये...

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