सीकर. फसल को दीमक से बचाने की हमारी तकनीक अफ्रीकी देश अपनाएंगे। यह खास इसलिए भी है कि यह तकनीक दांता गांव की महिला कृषक ने इजाद की है। जिस पर भारत में सर्वे होने के साथ ही अफ्रीका, फ्रेंच व अंग्रेजी में पुस्तक प्रकाशित कर अपने किसानों को इस तकनीक से वाकिफ करवा रहा है। करीब पांच साल पहले दांता कस्बे की महिला किसान भगवतीदेवी ने अपने खेत पर दीमक...
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राष्ट्रद्रोह, राजद्रोह और जनविद्रोह -- कनक तिवारी
विनायक सेन के मामले में चुप रहना उचित नहीं होगा. मैं ज़मानत आवेदन के सिलसिले में छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट में उनका वकील रह चुका हूं. इसलिए मुझे अच्छी तरह मालूम है कि उस स्थिति में विनायक सेन के विरुद्ध पुलिस की केस डायरी में ऐसा कुछ नहीं था कि प्रथम दृष्टि में मामला भी बनता. यह अलग बात है कि हाईकोर्ट ने उनकी ज़मानत मंजूर नहीं की जो बाद में लगभग...
More »नई लीक का सिपाही
स्वतंत्रता के मूल्य के घोर समर्थक अमेरिका को इसी मूल्य पर चलकर चुनौती देने वाले जूलियन असांज की उतार-चढ़ाव भरी जीवनयात्रा पर ऋषि मजूमदार का आलेख ठिठुरते लंदन में उस दिन वेस्टमिंस्टर मजिस्ट्रेट कोर्ट के बाहर मीडिया और पुलिसकर्मियों का जमावड़ा देखकर कोई नहीं कह सकता था कि यूरोप में दशकों बाद कड़ाके की ठंड पड़ रही है. यह पिछली सात तारीख की बात है. दुनिया भर में अपनी वेबसाइट विकीलीक्स...
More »गांधी के सिवा कोई रास्ता नहीं है -- सच्चिदानंद सिंहा से आलोक प्रकाश पुतुल की बातचीत
सच्चिदानंद सिंहा भारत के उन चुनिंदा विचारकों में हैं, जो अपने समय से लगातार मुठभेड़ करते रहते हैं. 81 साल की उम्र में भी लगातार सक्रिय सच्चिदानंद सिंहा मानते हैं कि भारत में आने वाले दिनों में अगर किसी नये समाज का निर्माण करना है तो समाजवादी विचारकों को गांधी की कुछ बातों को स्वीकारना ही होगा. उनसे कुछ सामयिक मुद्दों पर की गई बातचीत यहां प्रकाशित की जा रही...
More »राजनैतिक मर्यादा की प्रतिमूर्ति-योगेंद्र यादव
सुरेंद्र मोहन जी की चिता जलती देखकर फ़िर एक बार मन में विचार आया. इंडिया गेट पर ’अमर जवान ज्योति’ की तरह देश में कहीं-न-कहीं एक गुमनाम राजनैतिक कार्यकर्ता का स्मारक भी बनना चाहिए. बदन पर सादा, बिना प्रेस किया कुर्ता-पाजामा, पैर में रबड़ की चप्पल, कंधे पर झोला और आंखों में चमक. मूर्ति के नीचे लिखा जा सकता है ‘पूर्णकालिक राजनैतिक कार्यकर्ता’. जैसे सुरेंद्र मोहन जी थे.और कुछ नहीं तो...
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