अल्बर्ट आइंस्टीन को याद करते हुए ‘टाइम' मैगजीन में एक चिट्ठी छपी. इसमें लियो मैटर्सडॉफ नाम के सज्जन ने लिखा कि ‘प्रोफेसर आइंस्टीन के अमेरिका आने से लेकर उनकी मृत्यु के साल तक उनके आयकर रिटर्न का ब्यौरा मैं ही तैयार करता था. एक बार प्रिंस्टन स्थित उनके आवास पर मैं आयकर रिटर्न की तफ्सील तैयार कर रहा था. उनकी पत्नी ने आग्रह किया कि दोपहर का खाना मैं उन...
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घाटे के अर्थशास्त्र पर ई-कॉमर्स- राजीव रंजन झा
भारत में ई-कॉमर्स का कारोबार काफी तेजी से फैलने लगा है, इसमें कोई संदेह नहीं है. ई-कॉमर्स यानी इंटरनेट की मदद से व्यापार चलाना. पहले यह काम कंप्यूटर-लैपटॉप के जरिये इंटरनेट पर हो रहा था, अब मोबाइल पर भी एप्प के जरिये होने लगा है. इस क्षेत्र में भारतीय सफलता की सबसे बड़ी कहानियां फ्लिपकार्ट और स्नैपडील की रही हैं. हाल में पेटीएम ने भी खुद को बड़ी तेजी से...
More »जरूरी है किसानों की आय बढ़ाना --- देविन्दर शर्मा
भारत के 17 राज्यों में खेती से एक किसान की औसत आय 20 हजार रुपये सालाना है. इसमें उत्पादन का वह अंश भी शामिल है जिसे वह पारिवारिक उपभोग के लिए रखता है. दूसरे शब्दों में, इन राज्यों में किसान की औसत मासिक आय महज 1,666 रुपये है. जी हां, आपने सही पढ़ा. महज 1,666 रुपये. इस तस्वीर में आप खुद को रख कर देखें. अगर आप किसान होते और...
More »मोदी के बताए मार्ग से गांव की ओर मुड़ने को मजबूर हुए जेटली-- विनोद अग्निहोत्री
अपने पिछले दो बजटों से उलट मोदी सरकार ने तीसरे बजट में सरकारी खजाने का पिटारा गांव और किसान की तरफ खोलते हुए अपनी सूट बूट की सरकार की छवि बदलने की जो कोशिश की है,वह खुद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की पहल पर की गई है। बजट भले ही वित्त मंत्री अरुण जेटली ने बनाया हो, लेकिन इस बजट के लिए विशेष इनपुट खुद प्रधानमंत्री ने अपने वित्त मंत्री को...
More »गांव से निकलेगा विकास का हाइवे
वित्त मंत्री अरुण जेटली ने किसानों को आर्थिक रूप से सशक्त बनाने की कोशिश की है. यह कोशिश सोमवार को लोकसभा में पेश वर्ष 2016-17 के बजट में दिखती भी है. किसानों से जुड़ी अनेक योजनाओं के लिए सरकार ने अपनी झोली खोल दी है. किसानों का ऋण कम करने के लिए 15 हजार करोड़ का एक कोष बनाने की घोषण एक अच्छी पहल है. पिछले दो-तीन साल से कम...
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