दक्षिण मुंबई में एक महंगे रीटेल स्टोर में जिस समय शहर के संपन्न लोग दलित उद्धार और 'बहिष्कृत लोगों' व फ़ैशन की दुनिया के मेल पर बात कर रहे थे, 32 साल के सचिन भीमा सखारे बाहर एक कोने में खड़े थे. ये सब हो रहा था बीते पाँच दिसंबर को. सचिन भीमा सखारे बताते हैं कि स्टोर में हुए इवेंट में 'चमार फ़ाउंडेशन' के सदस्यों द्वारा बनाए गए रबर के...
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देश में नया श्रम कानून लागू, मगर मजदूरों के हाथ खाली
"नये श्रम कानून में सरकार अगर देश में मजदूरों की 178 रुपए कम से कम मजदूरी तय कर रही है, तो सीमेंट की बोरी ढोने वाले हम जैसे मजदूरों को दिन भर काम के बाद 250 रुपए मजदूरी मिलती है, अब आप बताइये इतनी महंगाई में 250 रुपए दिहाड़ी पर घर चलता है क्या?, तो 178 रुपए पर क्या कहेंगे," यह कहना है मजदूर दल्ला मीना का, जो राजस्थान के...
More »स्वधार गृहः महिला उत्पीड़न केंद्र!
देश की राजधानी में बेसहारा महिलाओं के लिए बने 14 शेल्टर होम्स को लेकर अक्तूबर के आखिरी हक्रते में टाटा इंस्टीट्यूट ऑफ सोशल साइंसेज (टिस) ने 143 पन्नों की एक चौंकाने वाली रिपोर्ट जारी की. इस रिपोर्ट के मुताबिक, यहां रहने वाली महिलाओं का बर्बरता की हद तक यौन उत्पीडऩ हो रहा है. टिस की ऐसी ही रिपोर्ट के बाद 2018 में मुजफ्फरपुर के बालिका गृह में नाबालिग लड़कियों के...
More »भारत की न्यायपालिका के लिए 2019 क्यों एक भुला देने वाला साल है
यदि भारत की कोई संवैधानिक संस्था 2019 की ओर पीछे मुड़कर नहीं देखना चाहेगी, तो वो है न्यायपालिका. वैसे तो भारतीय न्यायपालिका का प्रदर्शन हाल के वर्षों में खराब ही रहा है, फिर भी 2019 ने इसके अपयश में कई नए पन्ने जोड़े हैं. न्यायपालिका संवैधानिक नैतिकता और वैधता के प्रति नरेंद्र मोदी सरकार के उपेक्षा भाव का खामियाजा झेल रहे लोगों के पक्ष में खड़े होने में विफल रही है. और...
More »नागरिकता संशोधन विधेयक पर बहस: झूठ का भ्रमजाल
संसद के दोनों सदनों द्वारा पारित नागरिकता संशोधन अधिनियम पर विविध प्रतिक्रयाएं सामने आईं हैं, जिनमें से कई नकारात्मक हैं. एक ओर जहाँ उत्तरपूर्व में इस नए कानून का भारी विरोध हो रहा है, जिसमें कई लोगों की जानें जा चुकीं है, वहीं इससे संविधान में आस्था रखने वालों और मुसलमानों में गंभीर चिंता व्याप्त हो गयी है. यह कानून पाकिस्तान, अफ़ग़ानिस्तान और बांग्लादेश के ऐसे हिन्दू, सिक्ख, बौद्ध, जैन...
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