विश्व की प्राचीनतम संस्कृतियों में से एक नर्मदा घाटी आज भी समृद्ध प्रकृति के लिए मशहूर है. घाटी में नदी किनारे पीढ़ियों से बसे हुए आदिवासी तथा किसान, मजदूर, मछुआरे, कुम्हार और कारीगर समाज प्राकृतिक संसाधनों के साथ मेहनत पर जीते आए हैं. इन्हीं पर सरदार सरोवर के साथ 30 बड़े बांधों के जरिये हो रहे आक्रमण के खिलाफ शुरू हुआ जन संगठन नर्मदा बचाओ आंदोलन के रूप में पिछले 25...
More »SEARCH RESULT
गरजे किसान, भोपाल परेशान
भोपाल. राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ से जुड़े भारतीय किसान संघ ने सोमवार सुबह अपनी ही सरकार को परेशानी में डाल दिया। प्रदेश के विभिन्न अंचलों से यहां पहुंचे किसानों ने राजधानी की चारों दिशाओं की सीमा को घेर लिया। ट्रेक्टर ट्राली में लगभग एक पखवाड़े तक का राशन-पानी और ओढ़ने-बिछाने का सामान लेकर आए किसानों ने जगह-जगह सड़कों पर जाम लगा दिया। इससे पूरे शहर का आवागमन छिन्न-भिन्न हो गया, लेकिन सरकार...
More »छोटे कर्ज पर संकट का बड़ा साया : गुरचरन दास
हमारे देश में एक अद्भुत घटना घट रही है। तीन करोड़ गरीब महिलाओं ने छोटा-मोटा कारोबार शुरू करने के लिए थोड़ी-थोड़ी मात्रा में ऋण लिए हैं। इस राशि से वे या तो एक गाय खरीदती हैं, ताकि दूध का व्यवसाय कर सकें, या वे इस राशि का निवेश एक सिलाई मशीन में करती हैं, ताकि कपड़े बेच सकें या फिर वे एक किराना दुकान खोल लेती हैं। जो कार्य गैरसरकारी संगठनों...
More »राजनैतिक मर्यादा की प्रतिमूर्ति-योगेंद्र यादव
सुरेंद्र मोहन जी की चिता जलती देखकर फ़िर एक बार मन में विचार आया. इंडिया गेट पर ’अमर जवान ज्योति’ की तरह देश में कहीं-न-कहीं एक गुमनाम राजनैतिक कार्यकर्ता का स्मारक भी बनना चाहिए. बदन पर सादा, बिना प्रेस किया कुर्ता-पाजामा, पैर में रबड़ की चप्पल, कंधे पर झोला और आंखों में चमक. मूर्ति के नीचे लिखा जा सकता है ‘पूर्णकालिक राजनैतिक कार्यकर्ता’. जैसे सुरेंद्र मोहन जी थे.और कुछ नहीं तो...
More »अलख जगाती एक यात्रा-- मेधा
११ दिसंबर दिन शनिवार का है। बापू की समाधि राजघाट पर जनमेला लगा है। देश भर से लोग अपनी रंगत, अपने लिबास, अपनी भाषा में विविधता संजोए आए हैं। कुछ है जो रंग-बिरंगी विविधता से भरे इन लोगों के मन को एकरस बना रहा है। सब के दिलों में एक ही तमन्ना धड़क रही है। और वह तमन्ना है - शस्य श्यामला ध्रती की उर्वरा-शक्ति, उसकी जीवंतता को बचाने की,...
More »