SEARCH RESULT

Total Matching Records found : 621

पूंजी के प्रतीकों पर प्रश्नचिह्न् : केविन रैफर्टी

जरूरत है.. जरूरत है.. जरूरत है.. 60 करोड़ नए जॉब्स की जरूरत है। इंटरनेशनल लेबर ऑर्गेनाइजेशन (आईएलओ) की जनवरी 2012 की रिपोर्ट की यह हैडलाइन पूरी दुनिया के लिए एक चेतावनी की तरह है। रिपोर्ट कहती है कि अगले एक दशक में 60 करोड़ नए उत्पादक जॉब सृजित करने की आसन्न चुनौती का सामना करने के लिए दुनिया को अब कमर कस लेनी चाहिए। प्रेस और बीबीसी ने इस...

More »

बच्चों की मौत पर बंगाल के जवाब से एनसीपीसीआर ‘असंतुष्ट’, फिर भेजा पत्र

नयी दिल्ली, पांच फरवरी (एजेंसी) राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग :एनसीपीसीआर: ने पश्चिम बंगाल के विभिन्न अस्पतालों में बच्चों की मौत पर राज्य सरकार की ओर से दी गई रिपोर्ट पर असंतोष जाहिर करते हुए फिर से एक पत्र राज्य के मुख्य सचिव के नाम भेजा है, जिसमें विस्तृत जानकारी भेजने के साथ ही प्रदेश की स्वास्थ्य व्यवस्था में सुधारों की सिफारिश की गई है। एनसीपीसीआर की ओर से बीते गुरुवार को...

More »

विकास की बंद गली- भारत डोगरा

जनसत्ता 2 फरवरी, 2012 : हाल के वैश्विक संकट ने विश्व-स्तर पर लोगों को नए सिरे से आर्थिक नीतियों के बारे में सोचने के लिए प्रेरित किया है। अब आम लोग और विशेषज्ञ दोनों निजीकरण, बाजारीकरण और भूमंडलीकरण पर आधारित मॉडल की प्रासंगिकता पर सवाल उठा रहे हैं। आम लोगों की बेचैनी की अभिव्यक्ति सबसे प्रबल रूप में आक्युपाइ द वॉल स्ट्रीट आंदोलन के रूप में हुई है। दूसरी ओर, इस बार...

More »

एनआरएचएम घोटाला : सीबीआई ने तीन और लोगों की गिरफ्तारी की

नयी दिल्ली, छह जनवरी (एजेंसी)राष्ट्रीय ग्रामीण स्वास्थ्य मिशन के अंतर्गत आवंटित धन के इस्तेमाल में कथित अनियमितता के सिलसिले में सीबीआई ने तीन और लोगों को गिरफ्तार किया है। इनमें दो नौकरशाह और एक व्यापारी है। सूत्रों ने यह जानकारी देते हुए बताया कि उत्तर प्रदेश लघु उद्योग निगम के पूर्व महाप्रबंधक अभय कुमार बाजपेई को कल रात गिरफ्तार किया गया, जबकि परिवार कल्याण महानिदेशक एस पी राम और व्यापारी सौरभ जैन...

More »

खाद्य सुरक्षा की खातिर - सुभाष वर्मा

जनसत्ता 5 जनवरी, 2012: पूरी दुनिया में एक सौ पचीस करोड़ से अधिक लोग भूख से त्रस्त हैं, जिनमें से एक तिहाई लोग भारत के गरीब हैं। नवीनतम वैश्विक भूख सूचकांक में भारत का स्थान बहुत नीचे, इक्यासी देशों के बीच सड़सठवां है। इसलिए यह स्वागत-योग्य है कि भारत सरकार ने खाद्य सुरक्षा की गारंटी देने वाला विधेयक संसद में पेश किया है। इस विधेयक में ग्रामीण इलाकों की पचहत्तर फीसद और...

More »

Video Archives

Archives

share on Facebook
Twitter
RSS
Feedback
Read Later

Contact Form

Please enter security code
      Close