गोपालपुर/श्रीकाकुलम/नई दिल्ली। भीषण चक्रवाती तूफान पेलिन ने ओड़िशा और उत्तरी तटीय आंध्र में तबाही तो मचाई लेकिन पर्याप्त एहतियात बरतने के कारण जनहानि नहीं हुई। तूफान से करीब 90 लाख लोग प्रभावित हुए हैं, 2.34 लाख घर क्षतिग्रस्त हो गए जबकि 2400 करोड़ रुपए की धान की फसल बर्बाद हो गई। पेलिन को पिछले 14 साल में आया सबसे भीषण तूफान माना जा रहा है लेकिन 1999 में आए तूफान...
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तबाही छोड़ गया फेलिन, 90 लाख लोग प्रभावित
नई दिल्ली [जागरण न्यूज नेटवर्क]। देश में पिछले 14 वर्ष में आए अब तक के सबसे बड़े चक्रवाती तूफान फेलिन से ज्यादा लोग हताहत तो नहीं हुए, लेकिन यह अपने पीछे बड़ी तबाही के निशान छोड़ गया है। फेलिन से हुआ नुकसान बता रहा है कि अगर सही समय पर लोगों को सुरक्षित स्थानों पर नहीं पहुंचाया जाता, तो यह 1999 में ओडिशा में तबाही मचाने वाले चक्रवात से कहीं ज्यादा...
More »एमपी में ज्यादा बारिश होने से तिल की आधी फसल खराब- धर्मेंद्र सिंह भदौरिया
उत्पादकता - प्रति हैक्टेयर पैदावार 12-14 क्विंटल से घटकर 8-10 क्विंटल तेजी का आधार मध्य प्रदेश की मंडियों में तिल की छिटपुट आवक शुरू मांग बनी रहने और फसल खराब होने से भाव में तेजी मंडियों में भाव 12200 रुपये प्रति क्विंटल के आसपास तिल का तेल बिक रहा है 13,800-17,300 रुपये प्रति क्विंटल मध्य प्रदेश में दो लाख हैक्टेयर में हुई थी तिल की बुवाई नई उपज...
More »महाराष्ट्र के कपास उत्पादक किसानों को खूब लुभा रहा ‘पीला सोना’
इंदौर। सोयाबीन या ‘पीले सोने’ की उपज से पसीने का बेहतर मोल मिलने की उम्मीदों के कारण महाराष्ट्र के कपास उत्पादक किसान तेजी से इसकी खेती की ओर मुड़ रहे हैं। पिछले तीन साल में महाराष्ट्र में सोयाबीन के रकबे में सिलसिलेवार इजाफा दर्ज किया गया है। सोयाबीन प्रोसेसर्स एसोसिएशन ऑफ इंडिया (सोपा) के प्रवक्ता राजेश अग्रवाल ने बताया, ‘महाराष्ट्र में पारंपरिक रूप से कपास उगाने वाले ज्यादातर किसान अपेक्षाकृत बेहतर...
More »चिंता ओजोन परत की
आज ‘ओजोन परत संरक्षण दिवस’ है. धरती के चारों ओर फैली ओजोन परत की सुरक्षा के प्रति लोगों को जागरूक करने के मकसद से यह दिवस हर साल 16 सितंबर को दुनियाभर में मनाया जाता है. इस मौके पर जानते हैं कि क्या है ओजोन परत और इसे बचाना क्यों है जरूरी.. ।।नॉलेज डेस्क।। तकनीकी विकास के साथ इनसान ने खुद के लिए ही एक कब्र खोदना शुरू कर दिया. शुक्र है...
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