बिहार के मुजफ्फरपुर और उसके आसपास के दो-तीन जिलों के कुछ ग्रामीण क्षेत्रों में इस बार फिर जून का महीना जानलेवा साबित हुआ. रहस्यमयी बीमारी की चपेट में आकर 60 से अधिक बच्चे काल के गाल में समा गए. इस बीमारी और बीमारी के बहाने प्रभावित इलाके के साथ स्वास्थ्य महकमे की पड़ताल करती निराला की रिपोर्ट आंखों देखी-कानों सुनी दोपहर करीब साढ़े तीन बजे का समय. मुजफ्फरपुर शहर का केजरीवाल मातृ...
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राशन पर सरकारी डाका -- प्रशांत कुमार दुबे
सरकार अब राशन में खाद्यान्न की जगह नकद भुगतान करने जा रही है. इसका पायलट फेज दिल्ली की दो बस्तियों में प्रारंभ भी कर दिया गया है. सरकार के इस कदम के बाद यह कहना गलत नहीं होगा कि सरकार अपनी संवैधानिक प्रतिबद्धता को भी समाप्त करने की कोशिश कर रही है. हालांकि सार्वजनिक वितरण प्रणाली को कमजोर करने की साजिश तो वर्ष 1991 के बाद से ही शुरु हो...
More »घरेलू नौकरानियों का होगा स्वास्थ्य बीमा
नयी दिल्ली : अब देश के 47 लाख 50 हजार पंजीकृत घरेलू श्रमिकों को भी राष्ट्रीय स्वास्थ्य बीमा योजना का लाभ मिल सकेगा. इस योजना के तहत वर्ष 2015 तक 18 से 59 साल के सभी घरेलू नौकर-नौकरानियों पर 297 करोड़ रुपये खर्च किये जायेंगे. ये श्रमिक देश के से किसी भी अस्पताल में उपचार कराने के पात्र होंगे, जो इस योजना के तहत सूचीबद्घ हैं. इसके अंतर्गत घरेलू श्रमिक और...
More »राष्ट्रीय ग्रामीण स्वास्थ्य मिशन की मॉनीटरिंग फेल
मुजफ्फरपुर, कार्यालय संवाददाता : लगातार बच्चों की मौत के कारणों की जांच को पहुंची केन्द्रीय टीम जब गांवों में रहन सहन तथा वहां जागरुकता के लिए चलने वाले अभियान पर ध्यान दिया तो आश्चर्यजनक बात सामने आयी। ग्रामीणों से पूछा कि हर माह ग्राम स्वास्थ्य, स्वच्छता व पोषण दिवस मनाया जाता है क्या? जवाब मिला ना? इस तरह आशा, एएनएम के काम पर निगरानी करने वाले आशा मॉनीटर, प्रखंड...
More »बढ़ते गरीब और बेमानी बहस - अश्वनी कुमार
देशभर के शहरों में रहनेवाले गरीबों के आंकड़े जुटाने के लिए एक जून से सात माह का सर्वे शुरू हो चुका है. इसके साथ ही गरीबों की पहचान के मानदंड पर बहस भी फ़िर छिड़ गयी है. यह विडंबना ही है कि तमाम योजनाओं के बावजूद गरीबों की संख्या लगातार बढ़ रही है. शहरी गरीबों की गणना की खबरों के साथ ही गरीबी को लेकर जारी बहस फ़िर छिड़ गयी है....
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