देहरादून। वर्ष 2008-09 में उत्तराखंड की कृषि विकास दर ऋणात्मक रही है। इसकी प्रमुख वजह सूखा और तकनीकी सुधार में खामी को बताया जा रहा है। आने वाले दो वर्षो में वर्षा की स्थिति पर राज्य की कृषि विकास दर निर्भर करेगी। ग्यारहवीं पंचवर्षीय योजना के मध्यवर्ती मूल्यांकन में ये तथ्य सामने आए हैं। मूल्यांकन में बताया गया है कि राष्ट्रीय स्तर पर दसवीं पंचवर्षीय योजना में कृषि के...
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सड़ रहा है किसानों का गेंहू
नई दिल्ली [जागरण न्यूज नेटवर्क]। मेरे देश की धरती सोना उगले..। किसानों ने तो खून-पसीना एक कर सोना यानी गेहूं उपजाया और सरकार के हवाले कर दिया। लेकिन अब सरकार है कि इस सोने को सहेज नहीं पा रही है। हजारों-लाखों टन गेहूं भंडारण के अभाव में जहां-तहां खुले में पड़ा है। बारिश-बाढ़ की चपेट में आकर सड़ रहा है। सबसे ज्यादा खराब स्थिति हरियाणा में हैं। हरियाणा में...
More »पानी की मांग 2050 तक 1447 अरब घन मीटर
नई दिल्ली। देश में सिंचाई और पेयजल के लिए पानी की मांग वर्ष 2050 तक बढ़कर 1,447 अरब घन मीटर हो जाएगी और इसे पूरा करने के लिए हमें भूमिगत जल और सतही जल संसाधनों का बेहतर तरीके से प्रबंधन करना होगा। जल संसाधन राज्य मंत्री विसेंट एच पाला ने यहां राज्यों तथा केंद्र शासित प्रदेशों के जल संसाधन सचिवों-मुख्य सचिवों की एक दिवसीय बैठक में यह जानकारी दी। उन्होंने कहा कि...
More »अंग्रेज भी उत्तराखंडी खुशबू के मुरीद
देहरादून [केदार दत्त]। देहरादून देवभूमि से खुशबू को ऐसे पंख लगे कि वह घर से निकलकर सात समंदर पार की सैर में मशगूल हो गई। अरब के शेखों और समूचे यूरोप पर इसका ऐसा रंग चढ़ा वे इसके मुरीद हो गए हैं। इस बात की इससे तस्दीक होती है कि बीते सीजन में उत्तराखंड से चालीस हजार क्विंटल बासमती में से करीब अस्सी फीसदी का निर्यात खाड़ी और यूरोप...
More »बेखौफ हैं उत्तर प्रदेश के सूचना आयुक्त
नई दिल्ली [जागरण न्यूज नेटवर्क]। भले ही जनता आरटीआई कानून के जरिए सरकार से सूचना मांगने के लिए स्वतंत्र हैं, लेकिन हकीकत यही है कि कई राज्यों में सूचना आयुक्त जानकारी देने में आनाकानी करते हैं। इन राज्यों में उत्तर प्रदेश सबसे आगे है। राज्य की मुख्यमंत्री को 140 एवं राज्यपाल को 107 ऐसे शिकायती आवेदन मिले हैं, जिनमें नागरिकों ने सूचना आयुक्तों की कार्यशैली से नाखुशी जाहिर करते हुए...
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