उत्तर भारत में, खासकर गर्मियों में, बिजली की समस्या काफी गंभीर हो जाती है. राज्यों की विद्युत उत्पादन क्षमता काफी सीमित है. ऐसे में केंद्रीय पूल से निर्धारित किये गए कोटे से ही राज्यों को मिलने वाली बिजली पर संतोष करना पड़ता है. कभी-कभी तो इसमें भी कटौती की जाने लगती है. ऐसे में बिजली कटौती, लोगों का जीना मुहाल कर देती है. ज्यों- ज्यों विज्ञान और प्रौद्योगिकी में तरक्की की...
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तरक्की का चमत्कार हिबड़े बाजार
कुशल प्रशासन और चुस्त प्रबंधन की वजह से महाराष्ट्र के अहमदनगर जिले के हिबड़े बाजार गांव की आज पूरे देश में चर्चा है. कैसे एक युवा सरपंच के नेतृत्व में एकजुट हिबड़े बाजार के लोगों ने गरीबी से न केवल मुक्ति पा ली, बल्कि आज पूरा गांव आत्मनिर्भर है. ‘राहें और भी हैं' की इस सीरीज में आज पढ़ें गवर्नेस के सफल मॉडल बन चुके हिबड़े बाजार की तरक्की की...
More »किसानों के लिए आनेवाले दिन बहुत भारी- देविंदर शर्मा
भारतीय मॉनसून के लिए अल नीनो, एक विलेन की तरह माना जाता है. अल नीनो की मार से ऑस्ट्रेलिया और भारत सबसे ज्यादा प्रभावित होते हैं. अल नीनो से सामान्य मॉनसून की हालत बिगड़ने का अंदेशा है, जिससे बारिश कम होने की आशंका जतायी जा रही है. देश के मौसम विभाग ने इस वर्ष अल नीनो के आने की 70 फीसदी तक उम्मीद जतायी है. दरअसल, मॉनसून के सबसे बीचवाले...
More »बिहार में इंसेफलाइटिस का कहर, अब तक लगभग 150 बच्चों की मौत
मुजफ्फरपुर: एइएस से नौ और मासूमों की जान चली गयी, जबकि 19 पीड़ितों को एसकेएमसीएच व केजरीवाल में इलाज के लिए भरती कराया गया. मंगलवार से मौसम में आये बदलाव को देखते हुए माना जा रहा था कि बीमारी में कमी आएगी लेकिन ऐसा नहीं हुआ. एसकेएमसीएच में मौत का सिलसिला जारी रहा. एसकेएमसीएच व केजरीवाल अस्पताल में भरती होने वाले नये मरीजों की संख्या में पिछले दिनों की अपेक्षा कुछ कमी आयी है....
More »स्त्री सशक्तीकरण की शर्तें- विकास नारायण राय
जनसत्ता 16 जून, 2014 : बलात्कार और हत्या पर राजनीतिक रोटियां सेंकने के लिए बदायूं के कटरा सादतगंज गांव में पहुंचने वाले राजनीतिकों को उपेक्षा से नहीं लेना चाहिए। न इस जमात के दूर से ऊलजलूल अर्द्ध-सत्य बोलने वालों को। दरअसल, इन सतही कवायदों में स्त्री-सशक्तीकरण के पैरोकारों के लिए एक निहित संदेश है- स्त्री-विरुद्ध हिंसा के मसलों पर समग्र राजनीतिक एजेंडे की सख्त जरूरत है। मीडिया, एनजीओ और कानून...
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