जनसत्ता 1 फरवरी, 2013: गणतंत्र दिवस की सुबह। जयपुर साहित्य उत्सव के उस सत्र का शीर्षक था ‘विचारों का गणतंत्र’। आशीष नंदी ने पहले उदाहरण देकर विस्तार से समझाया कि क्यों एक सवर्ण अभिजात का भ्रष्टाचार हमारी बनाई ‘भ्रष्टाचार’ की मानक परिभाषाओं में फिट नहीं होता और क्यों सिर्फ दलित का भ्रष्टाचार नजर आता है। इसलिए जब उन्होंने यह कहा कि भ्रष्टाचारियों का बहुमत वंचित जातियों से आता है तो उन्होंने अपनी...
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यौन हिंसा की जड़ें- अजेय कुमार
जनसत्ता 29 जनवरी, 2013: सर्वोच्च न्यायालय के पूर्व मुख्य न्यायाधीश जेएस वर्मा की अध्यक्षता में भारत सरकार द्वारा गठित समिति का उद्देश्य था आपराधिक कानूनों और अन्य प्रासंगिक कानूनों में ऐसे संभव संशोधन सुझाना ताकि ‘महिलाओं पर चरम यौन हमलों के मामलों में तेजी से फैसला हो सके और मुजरिमों को कहीं ज्यादा सजा दिलाई जा सके।’ अभी इस समिति को बने ज्यादा समय नहीं हुआ कि बलात्कार की अन्य हालिया घटनाओं...
More »भुखमरी और कुपोषण के बीच संसद की स्थायी समिति की नई रिपोर्ट
भुखमरी और कुपोषण को मिटाने के मामले में देश कौन से कदम उठाये, इस बारे में जारी बहस को राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा बिल की समीक्षा के लिए बनी स्थायी समिति की रिपोर्ट ने नए सिरे से छेड़ दिया है। गौरतलब है कि रिकार्डतोड़ अन्न-उपार्जन और साल-दर साल बनी रहने वाली उच्च वृद्धि दर के बावजूद कुपोषण और भुखमरी को मिटाने के मामले में भारत का रिकार्ड संतोषजनक नहीं रहा है।...
More »गेहूं के एमएसपी में 65 रुपये का इजाफा
विपणन सीजन 2013-14 के लिए गेहूं का एमएसपी 1,350 रुपये तय सीसीईए के फैसले केंद्रीय पूल से 25 लाख टन और गेहूं के निर्यात की अनुमति कुंभ मेले के आयोजन के लिए यूपी को बीपीएल मूल्य पर 16,200 टन गेहूं व 96,000 टन चावल का आवंटन होगा आखिरकार लंबे इंतजार और मंत्रालयों के अंतर्विरोध के बाद केंद्र...
More »गेहूं एमएसपी की वृद्धि से संतुष्ट नहीं किसान
मात्र 65 रुपये प्रति क्विंटल एमएसपी वृद्धि लागत बढ़ोतरी के मुकाबले बहुत कम पंजाब और हरियाणा के किसानों ने गेहूं के न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) में सरकार द्वारा की गई 65 रुपये प्रति क्विंटल बढ़ोतरी को नामंजूर कर दिया है। किसानों ने गेहूं उत्पादन की बढ़ी लागत के मुकाबले एमएसपी में बढ़ोतरी अपर्याप्त बताई...
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