SEARCH RESULT

Total Matching Records found : 10137

जेब काट रहीं रोजमर्रा की चीजों की कीमतें : एसोचैम

नई दिल्ली। महंगाई की दर बेशक एक साल पहले के मुकाबले निचले स्तर पर बनी हुई है, लेकिन आम मध्यवर्ग के उपभोग की वस्तुएं और सेवाएं उसकी पहुंच से बाहर हो रही हैं। उद्योग चैंबर एसोचैम के एक विश्लेषण में यह निष्कर्ष निकला है। एसोचैम की रिपोर्ट कहती है कि ईंधन कीमतों में कमी और मामूली वेतनवृद्धि के बीच शिक्षा और स्वास्थ्य पर खर्च जरूरत से अधिक बढ़े हैं। ये दोनों...

More »

सबके लिए पैसा है, पर किसानों के लिए नहीं - देविंदर शर्मा

मानसून खत्म हो चुका है। 14 प्रतिशत कम बारिश हुई है और देश में फसल वाले ऐसे करीब 39 फीसद इलाके हैं, जहां बिलकुल सूखा है। उम्मीद थी कि रिजर्व बैंक के गवर्नर रघुराम राजन किसानों के लिए वित्तीय लाभों और ऋण भुगतानों में छूट की श्रंखला की घोषणा करेंगे। इसकी जगह रघुराम राजन ने पिछले हफ्ते व्यावसायिक बैंकों के उधार देने की ब्याज दरों में काफी कटौती करने वाली...

More »

मध्‍यप्रदेश से छिन सकता है सोयाबीन राज्य का दर्जा

अतुल शुक्ला, जबलपुर। देश को 60 फीसदी सोयाबीन उत्पादन देने वाले मध्यप्रदेश का सोयाबीन राज्य का दर्जा इस बार छिन सकता है। कृषि कर्मण अवार्ड मिलने के बाद भी सोयाबीन उत्पादन पिछले तीन सालों में तेजी से गिरा है। सोपा (सोयाबीन प्रोसेसर्स एसोसिएशन ऑफ इंडिया) के मुताबिक उत्पादन में 4.60 लाख मीट्रिक टन की गिरावट आई है। रकबा 11.40 फीसदी कम हुआ है। इस बार तो कई क्षेत्रों में शून्य उत्पादन...

More »

कुपोषण से जूझता भारत- निकोलस क्रिस्तॉफ

हर वर्ष की तरह इस बार भी मैं अपनी 'विन ए ट्रिप' यात्रा पर भारत आया। भारतीय गांवों की यात्रा के दौरान मेरे साथ थे प्रतियोगिता के विजेता स्टेनफोर्ड यूनिवर्सिटी के ऑस्टिन मेयर। इस यात्रा के मूल में यह सवाल था, 'आखिर क्या वजह है कि भारत के लाखों बच्चे शारीरिक-मानसिक तौर पर कुपोषित रह जाते हैं?' भारत एक मजबूत लोकतंत्र हैं, जो मंगल तक अपना उपग्रह भेज चुका है। पर...

More »

इस अतिवाद का मुकाबला कैसे करें- योगेन्द्र यादव

एक ही महीने में राष्ट्रपति ने दूसरी बार सहिष्णुता की याद दिलाई है। प्रधानमंत्री ने भी दादरी में अखलाक की हत्या पर अफसोस जता दिया है। और तो और, अमित शाह ने बीजेपी के बड़बोले नेताओं को फटकार लगा दी है। कई लोग सोच रहे होंगे कि अब और क्या चाहिए? मन ही मन कह रहे होंगे कि अब तो दादरी वाले इस मुद्दे को खत्म करो। टीवी चैनलों के न्यूज...

More »

Video Archives

Archives

share on Facebook
Twitter
RSS
Feedback
Read Later

Contact Form

Please enter security code
      Close