लगातार दो सालों (2014-15 और 2015-16) में सामान्य से क्रमशः 12 और 14 फीसदी कम बारिश के कारण सूखे की मार झेल चुका देश इस साल मानसून से पहले भयावह गर्मी की चपेट में है. चैत के दिन जेठ के दुपहरिया की तरह तपे और देश के कई इलाकों में अप्रैल महीने में तापमान 40 डिग्री सेल्सियस से लेकर 46 डिग्री सेल्सियस तक जा पहुंचा जो कि सामान्य से...
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बिहार में सैकड़ों लोग ब्लैक मनी को दिखाते हैं कृषि आय में
पटना : देश के दूसरे राज्यों की तरह ही बिहार में भी ब्लैक मनी को छिपाने के लिए कृषि का सहारा लिया जा रहा है. सैकड़ों की संख्या में लोग यहां भी सालाना लाखों रुपये अपनी कृषि आय के रूप में दिखाने लगे हैं. इनकी संख्या लगातार बढ़ती ही जा रही है. जबकि राज्य में कृषि क्षेत्र में ग्रोथ की दर में 2014 में खराब मौसम समेत अन्य कारणों से...
More »खाद्यान्न-उत्पादन : सूखे की मार के बीच क्या कहता है कृषि मंत्रालय का नया आकलन
कृषि मंत्रालय के एक हालिया पुर्वानुमान में कहा गया है कि मौजूदा फसली-वर्ष में खाद्यान्न उत्पादन कमोबेश पिछले साल जितना बना रहेगा.(देखें नीचे की लिंक) गौरतलब है कि बीते मार्च महीने में हुई बेमौसम बारिश और ओलावृष्टि से दस राज्यों में हुए फसलों के नुकसान और जारी सूखे बीच आशंका जतायी जाती रही है कि चालू फसली-वर्ष में खाद्यान्न उत्पादन में कमी आयेगी. 2014-15 में कुल खाद्यान्न उत्पादन 252.02 मिलियन टन था...
More »आयकर देने में इतना परहेज!-- आकार पटेल
कुछ साल पहले एक बुजुर्ग मुझे गाना सिखाने के लिए हर सुबह मेरे घर आया करते थे. वे भले व्यक्ति थे और यह काम दशकों से करते आ रहे थे. चूंकि हमारी मुलाकात नियमित रूप से हुआ करती थी, हम गाने की शिक्षा से पहले और बाद में उनसे कई सारे विषयों पर बात भी करते थे. उनमें जितनी गहरी लगन अपने संगीत को लेकर थी, उतनी ही गंभीरता से...
More »पिछड़ा कहलाने की होड़ क्यों?--- अनुपम त्रिवेदी
पिछले कुछ समय से देश के विभिन्न भागों में आरक्षण की मांग लगातार उठ रही है. परंपरागत रूप से समृद्ध समझे जानेवाले वर्ग भी आज पिछड़ा कहलाने की होड़ में हैं. हरियाणा के समृद्ध जाट, दुनिया के हर हिस्से में फैले गुजरात के मेहनतकश पटेल, कभी जमींदार रहे आंध्र प्रदेश के कप्पू , गौरवशाली अतीत वाले मराठा और कभी राजसी ठाठ-बाट के मालिक रहे उत्तर प्रदेश और राजस्थान के...
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