-द क्विंट, दुनिया के कई देशों के वैज्ञानिकों ने रिसर्च में पाया है कि नोवेल कोरोना वायरस (SARS-CoV-2) हवा से भी फैल सकता है. रिसर्च के बाद इन वैज्ञानिकों ने विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) को COVID-19 से जुड़ी अपनी सिफारिशों में बदलाव करने को कहा है. WHO इसी बात पर जोर देता रहा है कि कोरोना वायरस मुख्य रूप से संक्रमित इंसान के खांसने और छींकने के दौरान बाहर निकले रेस्पिरेटरी ड्रॉपलेट के...
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महामारी की आड़ में जनता को जनसुनवाई से महरूम करने की कोशिश?
-न्यूजलॉन्ड्री, लॉकडाउन के समय जनता घर में बंद थी और लाखों मजदूर सड़क पर थे. ऐसे में केंद्र सरकार ने पूर्व में बनाए गए कई नियम-कानूनों में ऐसे संशोधन प्रस्तावित कर दिए जिन्हें यदि वह सामान्य समय में प्रस्तावित करती तो उसे कड़े विरोध का सामना करना पड़ता. इन प्रस्तावित संशोधनों में सबसे महत्वपूर्ण संशोधन है केंद्रीय पर्यावरण एवं जलवायु परिवर्तन मंत्रालय द्वारा पर्यावरण प्रभाव मूल्यांकन (ईआईए यानी एनवायरमेंट इंपैक्ट ऐससमेंट)...
More »लॉकडाउन से पैदा आर्थिक संकट से बढ़ रहीं आत्महत्याएं
-कारवां, 22 जून को उत्तर प्रदेश के आगरा शहर के जगदीशपुर इलाके के रहने वाले 53 साल के रघुवीर सिंह ने आत्महत्या कर ली. सिंह ने अपने सुसाइड नोट में लिखा, “हमारे पास में 25000 रुपए की नकदी थी लेकिन लॉकडाउन के वक्त घर में खाली बैठे-बैठे वह खत्म हो गई. इसके बाद हम क्या करते? इस आर्थिक तंगी से परेशान होकर मैं अपनी जिंदगी खत्म कर रहा हूं.” सिंह के...
More »एक डॉक्टर, जिन्होंने मुंबई की चकाचौंध छोड़, चुनी बिहार के गाँव में ज़िंदगियाँ बचाने की राह!
-द बेटर इंडिया, ज़रा सोचिये कि आपके सामने बिहार के एक ऐसे अस्पताल का दृश्य है जहाँ एक स्वीपर बिना गल्व्ज के डिलीवरी करा रहा है, आस पास कुत्ते घूम रहे हैं, वहीं डिलीवरी के लिए नवजात शिशु को साफ करने के लिए उसकी ही माँ का पेटीकोट फाड़कर इस्तेमाल किया जा रहा है, इतना ही नहीं डिलीवरी रूम के बाहर बायोमेडिकल कचरा पड़ा है जहाँ से भयाकर बदबू आ रही...
More »अब चीन, पाकिस्तान और भारत का भी भला इसी में है कि वो उस फैंटसी को छोड़ दें जिसे मोदी विस्तारवाद कहते हैं
-द प्रिंट, शुक्रवार की सुबह अचानक लद्दाख पहुंचकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपनी सेना को संबोधित किया और चीनियों का सीधे-सीधे नाम न लेते हुए कहा कि विस्तारवाद का जमाना गया, यह विकास का युग है. वैसे, उन्होंने यह कयास लगाने की कोई गुंजाइश नहीं छोड़ी कि उनका निशाना किधर था. बेशक उनके निशाने पर चीन ही था लेकिन इस वाक्य को उन ज्ञानोपदेशों में शामिल किया जा सकता है, जो...
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