कुछ लोगों के लिए किसानी मुनाफे का धंधा हो सकती है, लेकिन देश की बहुसंख्यक आबादी के लिए यह घाटे का सौदा बना दी गई है. न सिर्फ घाटे का सौदा, बल्कि मौत का सौदा भी. और यह सिर्फ इसलिए किया जा रहा है, क्योंकि खेती से महज कुछ लोगों का मुनाफा सुनिश्चित रहे. यही वजह है कि खेतिहरों के कर्जे की माफी का फायदा भी आम खेतिहरों को नहीं मिला बल्कि बड़े किसानों को...
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बिहार: खेतों में पंजाबी मेहनतकश!
करगहर [रोहतास, सुरेंद्र तिवारी]। अभी तक सूबे के लोग ही पंजाब जाकर खेतों में मेहनत करते थे लेकिन समय के साथ बदली फिजा का असर है कि आज पंजाबी मेहनतकश बिहार के खेतों में पसीना बहाते नजर आ रहे हैं। इन लोगों से सीख लेकर यहां के लोग भी सूबे की उपजाऊ मिट्टी में सुखद भविष्य की कल्पना कर सकते हैं। किसानी की बदौलत कुछ हद तक मजदूरों के पलायन की रफ्तार में...
More »इसे कहते हैं पत्थर पर दूब उगाना
डोरीगंज, सारण [श्रीराम तिवारी]। अगर मन में हौसला हो तो कुछ भी असंभव नहीं है। विजय किशोर चौरसिया इसके प्रत्यक्ष उदाहरण हैं। विपरीत मौसम में देसी तकनीक के सहारे मशरूम का उत्पादन कर वे किसानों के रोल माडल बन गए है। सारण के सदर प्रखंड अंतर्गत भैरोपुर निजामत गांव निवासी यह किसान 40 डिग्री सेल्सियस से ऊपर तापमान में प्रतिदिन चार से पांच किग्रा मशरूम का उत्पादन कर रहा है। विजय की इस सफलता पर कृषि...
More »धरती कहे पुकार के
ढ़ती हुई कीमतें उस आपदा का सिर्फ एक संकेत हैं, जिससे खेती जूझ रही है. दरअसल भारतीय कृषि क्षेत्र बुरी तरह से चरमरा रहा है. संकट से पार पाने के लिए नजरिए में बड़े बदलावों की जरूरत है. लेकिन कृषि मंत्री शरद पवार आपदा की इस आहट को सुनने के लिए तैयार नहीं. अजित साही और राना अय्यूब की रिपोर्ट सरकारी नीतियों से लेकर अखबार की सुर्खियों तक तरजीह पाने वाली...
More »उप्र सरकार ने की गेंहू खरीद नीति की घोषणा
लखनऊ। उत्तर प्रदेश सरकार ने रबी खरीद वर्ष 2010-11 में किसानों को उनकी उपज का लाभकारी मूल्य दिलाने के लिए गेंहू खरीद नीति निर्धारित की है। प्रमुख सचिव खाद्य एवं रसद डॉ. जैकब थामस ने बताया कि किसानों को उनकी उपज का न्यूनतम समर्थन मूल्य तत्काल उपलब्ध कराने हेतु क्रय केंद्रों की स्थापना कर सीधे किसानों से ही गेहूं क्रय किया जाएगा। उन्होंने बताया कि भारत सरकार द्वारा घोषित गेहूं के न्यूनतम...
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