SEARCH RESULT

Total Matching Records found : 1863

कृषि जोतों के आकार में कमी चिन्ता का सबब: नई कृषि जनगणना

खेती-किसानी के मोर्चे से एक बुरी खबर आयी है. नयी कृषि जनगणना के आंकड़ों का संकेत है देश में कृषि जोतों का औसत आकार लगातार कम हो रहा है.(आंकड़ों के लिए देखें नीचे दी गई लिंक)   साल 2010-11 में कृषि जोतों का आकार 1.15 हेक्टेयर(राष्ट्रीय औसत) था जो पांच साल बाद 2015-16 में घटकर 1.08 हेक्टेयर हो गया है. कृषि-जोतों के आकार में कमी लागत और व्यावहारिकता के तकाजे से चिन्ता...

More »

रघुराम राजन ने कहा, नोटबंदी और जीएसटी से देश की अर्थव्यवस्था को नुकसान पहुंचा

नई दिल्ली: भारतीय रिजर्व बैंक के पूर्व गवर्नर रघुराम राजन ने कहा है कि नोटबंदी ने भारतीय अर्थव्यवस्था की वृद्धि घटा दी. उन्होंने कहा कि ऐसे समय जबकि वैश्विक अर्थव्यवस्था वृद्धि दर्ज कर रही है, भारत की सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) की वृद्धि दर पर नोटबंदी की वजह से काफी बड़ा असर पड़ा. राजन ने कहा कि उन्होंने ऐसे अध्ययन देखे हैं जिनसे पता चलता है कि नवंबर, 2016 में ऊंचे...

More »

किसानों की नाराजगी का नतीजा-- नीरजा चौधरी

पांच राज्यों के चुनावी नतीजों ने किसानों को फिर से राजनीति के केंद्र में ला दिया है। संदेश साफ है कि खेती-किसानी के हित में हमारे नेताओं को अब गंभीरता से सोचना ही होगा। जनादेश बता रहा है कि लोग अब अपनी जरूरतों को अहमियत देने लगे हैं। खासतौर से नौकरी और आमदनी उनके लिए महत्वपूर्ण सवाल बनकर उभरे हैं। इसीलिए चुनावों में उन्होंने अन्य सभी ‘इमोशनल' मुद्दों को किनारे...

More »

हकीकत को जानने का नया औजार-- कार्तिक मुरलीधरन

सरकारी दफ्तरों में बैठे हुए हाकिमों को ‘जमीनी हकीकत' जानने में जो समस्या पेश आती है, वह कोई नई नहीं है। इतिहास बताता है कि अशोक से लेकर अकबर तक तमाम सम्राट सच जानने के लिए वेश बदलकर अपने राज्य में घूमा करते थे। आज भी हमारी सरकारों के लिए यह जानना एक बड़ी चुनौती है कि उनकी जन-हितकारी योजनाएं कैसी चल रही हैं? कनिष्ठ अधिकारी अक्सर इन योजनाओं...

More »

मोदी राज में किसान: डबल आमद या डबल आफत?

खेती-किसानी के मोर्चे पर केंद्र सरकार ने गुजरे चार सालों में क्या कुछ किया है, उसपर आप महज एक घंटे में राय बनाना चाहते हैं तो फिर यह पुस्तक आप ही के लिए है.(पुस्तक आप यहां क्लिक कर पढ़ सकते हैं)   किसानी के मोर्चे पर केंद्र सरकार के हासिल-लाहासिल को परखने के तीन रास्ते हो सकते हैं. एक तो सरकार के वादों को परखना कि वे किस हद तक पूरे हैं. दूसरे, सरकार के दावों...

More »

Video Archives

Archives

share on Facebook
Twitter
RSS
Feedback
Read Later

Contact Form

Please enter security code
      Close