खाद्य सुरक्षा विधेयक का विरोध दो कारणों से हो रहा है. एक राजनीतिक और दूसरा कॉरपोरेट घरानों या उनके समर्थक अर्थशास्त्रियों की ओर से. उनका कहना है कि खाद्यान्न सुरक्षा पर हर साल एक लाख 25 हज़ार करोड़ रुपये खर्च होगा. इससे घाटा बढ़ेगा इसलिए इसकी कोई ज़रूरत नहीं है. खाद्यान्न सुरक्षा पर हर साल एक लाख 25 हज़ार करोड़ रु पए ख़र्च होने पर एतराज़ जताया जा रहा है....
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बारिश ने बढ़ाये प्याज के दाम- शरद पवार
नई दिल्ली। प्याज की कीमतों में जबरदस्त उछाल के बीच कृषि मंत्री शरद पवार ने आज कहा कि वह यह बताने में समर्थ नहीं होंगे कि प्याज के दाम कब नीचे आयेंगे क्योंकि बारिश की वजह से प्रमुख उत्पादक राज्यों से प्याज की आपूर्ति प्रभावित हुई है। प्याज की कीमतें अब भी आम आदमी की पहुंच से बाहर हैं, हालांकि, नाफेड को प्याज का आयात करने की अनुमति देने जैसे...
More »महंगाई को अभी और आसमान चढ़ना है!
विश्वस्तर पर खाद्य-पदार्थ की कीमतों के मामले में मुद्रास्फीति के घटने के रुझान हैं। बहरहाल, आशंका यह है कि भारत के मामले में यह बात लागू ना हो पाये क्योंकि डॉलर के मुकाबले रुपये की कीमत गिर रही है।एफएओ ने हाल ही में खाद्य-पदार्थों की कीमतों से संबंधित अपना सूचकांक जारी किया है। इससे जाहिर होता है कि जुलाई महीने में भी विश्वस्तर पर कीमतों की मुद्रास्फीति में कमी हुई...
More »चाइनीज राखियों से तबाह हो रहा घरेलू कुटीर उद्योग
आयातित राखियों से सरकार को खास आमदनी नहीं हो रही है, क्योंकि एक कंटेनर माल को दिखाया जाता है महज कुछ सौ डॉलर का अगर सही इम्पोर्ट ड्यूटी व टैक्स चुकाया जाए तो चीन की राखियां काफी महंगी पड़ेंगी, लेकिन ये मंगवाई जाती हैं अंडर इनवाइस पर राखी का कोई स्पेसिफिक रेट नहीं, इसलिए कस्टम वाले भी कुछ नहीं कर सकते हैं इस बार आप जब राखी खरीदने बाजार जाएंगे तो कुछ ज्यादा...
More »भुखमरी के जनतंत्र में खाद्य-सुरक्षा- अश्विनी कुमार
खाद्य सुरक्षा कानून लागू करने पर महीनों की दुविधा के बाद यूपीए सरकार ने आखिर अध्यादेश का रास्ता चुना. कांग्रेस महासचिव अजय माकन ने इसे लाइफ सेवर (जीवन रक्षक) व लाइफ चेंजर (जीवन बदलनेवाला) करार दिया, जबकि विपक्षी पार्टियों और नीतिगत विश्लेषकों ने इसे लागू करने के तरीके पर आपत्ति जाहिर की. यह ऐतिहासिक फैसला देश के करीब 67 फीसदी लोगों को सस्ते अनाज पाने का कानूनी हक मुहैया करायेगा. इस...
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