हालांकि केंद्र सरकार ने मनरेगा के अन्तर्गत दी जाने वाले मजदूरी को उपभोक्ता मूल्य सूचकांक से जोड़ने की बात मान ली है, फिर भी वह इस मामले में संविधानप्रदत्त न्यूनतम मजदूरी देने में संकोच कर रही है जबकि देश के कई सूबों में अब भी मनरेगा के अन्तर्गत दी जाने वाली मजदूरी न्यूतम मजदूरी से कम है। सरकार का तर्क है कि न्यूनतम मजदूरी दी गई तो बढ़ा हुआ वित्तीय...
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तीन लाख हेक्टेयर क्षेत्र का होगा उपचार
रायपुर। छत्तीसगढ़ में एकीकृत जलग्रहण क्षेत्र प्रबंधन कार्यक्रम के तहत 337 करोड़ रुपये की लागत से लगभग तीन लाख हेक्टेयर क्षेत्र को उपचारित किया जाएगा। आधिकारिक सूत्रों ने सोमवार को यहां बताया कि छत्तीसगढ़ में एकीकृत जलग्रहण क्षेत्र प्रबंधन कार्यक्त्रम के तहत 71 परियोजनाओं को केंद्र द्वारा मंजूरी प्रदान की गई है, जिसकी लागत 337 करोड़ 14 लाख 96 हजार रुपये है। इन परियोजनाओं के माध्यम से आगामी पांच...
More »राष्ट्रद्रोह, राजद्रोह और जनविद्रोह -- कनक तिवारी
विनायक सेन के मामले में चुप रहना उचित नहीं होगा. मैं ज़मानत आवेदन के सिलसिले में छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट में उनका वकील रह चुका हूं. इसलिए मुझे अच्छी तरह मालूम है कि उस स्थिति में विनायक सेन के विरुद्ध पुलिस की केस डायरी में ऐसा कुछ नहीं था कि प्रथम दृष्टि में मामला भी बनता. यह अलग बात है कि हाईकोर्ट ने उनकी ज़मानत मंजूर नहीं की जो बाद में लगभग...
More »सरकार के पास जमीन नहीं और बुला रहे हैं निवेशकों को
भोपाल. मप्र सरकार प्रदेश में उद्योग लगाने के लिए निवेशकों को आमंत्रित तो कर रही है, लेकिन उद्योग खड़े करने के लिए उसके पास जमीन ही नहीं है। प्रदेश के प्रमुख जिला उद्योग केंद्रों और औद्योगिक केंद्र विकास निगम (एकेवीएन) फिलहाल भूमिविहीन हैं। इंदौर में तो पिछले एक साल से नया उद्योग लगाने पर प्रतिबंध लगा हुआ है। कारण, जमीन के अभाव में यहां हजारों आवेदन पेंडिंग हैं। भोपाल में भी...
More »खुलासा या खबर?
मेरे एक करीबी मित्र इस बात के लिए ‘मीडियावालों’ की लानत-मलामत कर रहे थे कि उसका ध्यान केवल एक के बाद एक हो रहे घोटालों की खबरों पर ही केंद्रित है। मैं कुछ देर के लिए सोच में पड़ गया। मेरे मित्र उद्योगपति थे और उनका राजनीति से कोई वास्ता नहीं था। न ही उन्होंने मीडिया में प्रकाशित होने वाले विश्लेषणों के आधार पर अपनी राय बनाई थी। कॉमनवेल्थ खेलों...
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