बेताल ने विक्रमादित्य से पूछा,‘कल तक जो सरकार बाबा रामदेव के सामने बिछी जा रही थी, वही अचानक दल-बल सहित उनके आंदोलन पर चढ़ क्यों बैठी? अगर बाबा लोकशक्ति के प्रतीक हैं तो सरकार की हिम्मत कैसे हुई कि उनके अनशन को तोड़े? अगर बाबा झूठे हैं, तो सरकार उनसे इतनी डरी क्यों थी?’ इक्कीसवीं सदी के बेताल और विक्रमादित्य किसी पेड़ नहीं बल्कि एक बड़ी टीवी स्क्रीन के नीचे...
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विकास रोक देगा यह कालाधन-- अरुण कुमार
आज भारत में लगभग सभी आर्थिक गतिविधियों में अवैध तरीके अपनाये जाते हैं. यह स्थायी और संस्थागत रूप ले चुका है. वर्तमान दशक को घोटालों का दशक कहा जा सकता है. जिन लोगों पर भी भ्रष्टाचार के आरोप लगे हैं, उन्होंने बेशर्मी से मामले को अंतिम समय तक दबाने की कोशिश की. चाहे मामला 2 जी स्पेक्ट्रम आवंटन का हो या फ़िर कॉमनवेल्थ घोटाले का. यही वजह है कि सत्ताधारी पार्टियां...
More »असंगति का संगीत- रोहिणी मोहन
कुछ मामलों में एक जैसे और ज्यादातर मामलों में एक-दूसरे से जुदा शांति और प्रशांत भूषण के छुए-अनछुए पहलुओं की पड़ताल करती रोहिणी मोहन की रिपोर्ट मई, 1995 की एक दोपहर को सामाजिक कार्यकर्ता हिमांशु ठक्कर अपने वकीलों प्रशांत और शांति भूषण के साथ सर्वोच्च न्यायालय में बैठे हुए थे. उनसे जरा-सी दूरी पर मुख्य न्यायाधीश एएस आनंद एक ऐसा फैसला सुना रहे थे जो पूर्वी गुजरात के कम से कम...
More »भरोसे के बीच ठगा महसूस कर रहा किसान : पंकज कुमार पांडेय
नई दिल्ली प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह के कांग्रेस महासचिव राहुल गांधी को आश्वासन के करीब आठ माह के बाद भी भूमि अधिग्रहण विधेयक को कानून की शक्ल देने की राह में कांग्रेसनीत यूपीए सरकार अपने कदम ज्यादा आगे नहीं बढ़ा पाई है। लिहाजा, यूपी में माया सरकार को कोसने के बावजूद कांग्रेस को भी यह चिंता सता रही है कि वह किस मुंह से किसानों के पास जाए। राहुल गांधी के...
More »रत्नागिरी में बंद के दौरान हिंसा, एक की मौत
मुंबई। महाराष्ट्र के रत्नागिरी जिले में प्रदर्शनकारियों पर पुलिस की गोलीबारी के विरोध में मंगलवार को शिव सेना ने बंद का आह्वान किया है। इस दौरान कुछ स्थानों पर हिंसक घटनाएं भी हुई है। सोमवार को प्रदर्शनकारी 9,900 मेगावाट की जैतापुर परमाणु ऊर्जा परियोजना का विरोध कर रहे थे, तभी पुलिस ने उन पर गोलियां चला दी और एक प्रदर्शनकारी की मौत हो गई। पुलिस ने बताया कि...
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