SEARCH RESULT

Total Matching Records found : 813

इंसान के जमीर की आवाज का जागना - गोपालकृष्‍ण गांधी

जमीर क्या है? दिल-ओ-दिमाग से भी आगे, एक ऐसे कोने में सिकुड़कर बैठा हुआ एक खयाल, जो कि अकसर खामोश रहता है, आसपास के शोरगुल से कोई ताल्लुक ना रखते हुए, वो अपने खयालों में खोया-खोया रहता है। लेकिन कभी-कभी, वह यकायक उठ खड़ा होता है, अंगड़ाई लेता है और फिर ऐसे बोलता है कि उसकी आवाज को सुनना पड़ता है। किस जुबान में बोलता है जमीर? क्या जिस इंसान में उसका घर...

More »

एनजेएसी पर सरकार-न्यायपालिका आमने-सामने

उच्च न्यायपालिका में जजों की नियुक्ति की नई प्रणाली एनजेएसी की संवैधानिक वैधता की सुनवाई के दौरान न्यायपालिका और सरकार सुप्रीम कोर्ट में आमने-सामने आ गई। सरकार ने कोलेजियम को अपारदर्शी और ऐसे लोगों को जज बनाने की सिफारिशें करने वाला तंत्र बताया, जो भ्रष्टाचार में और कदाचार लिप्त थे। केंद्र सरकार ने कहा कि कोलेजियम ने 59 वर्षीय एक महिला वकील को कोलकाता हाईकोर्ट का जज बनवाया, क्योंकि वह तत्कालीन...

More »

राजनीतिक बिसात पर आंबेडकर- कुमार प्रशांत

बिहार का आसन्न चुनाव कितने नये रंग बिखेर रहा है! एक नया परिवार ही जन्म लेने, न लेने के पसोपेश में पड़ा है, तो एक नया आंबेडकर भी पूजा के स्थान पर प्रतिष्ठित किया जा रहा है.  यह कितना अजीब है कि भारतीय स्वतंत्रता संग्राम में जिन्होंने कभी भाग नहीं लिया; जो आजादी की लड़ाई में कभी जेल नहीं गये; आजादी की लड़ाई की जगह जिन्होंने वॉयसराय के दरबार की...

More »

सरकार नहीं, समाज गढ़ता है श्रेष्ठ संस्थान- हरिवंश

अमेरिका के जितने भी महान विश्वविद्यालय हैं, उन्हें बनाने के लिए बड़े-बड़े पूंजीपतियों ने अपनी जिंदगी भर की कमाई लगा दी. एक झटके में करोड़ों डॉलर का दान कर दिया. क्या भारत में पैसेवालों की कमी है? नहीं. फिर क्यों यहां ऐसे संस्थान नहीं खड़े होते? क्यों हम लोग हर चीज के लिए सरकार का मुंह देखते रहते हैं. सरकार अपना काम करे, यह जरूरी है. पर समाज और लोगों की...

More »

कानून और न्याय का तकाजा - हृदयनारायण दीक्षित

न्याय सर्वोच्च अभिलाषा है। संविधान, कानून और न्यायपालिका न्याय प्राप्ति के ही उपकरण हैं। सर्वोच्च न्यायालय संविधान और विधि का संरक्षक है। संसद ने संविधान प्रदत्त शक्तियों का सदुपयोग करते हुए जजों की नियुक्तियों के मामले में 99वां संविधान संशोधन पारित किया। संविधान (अनुच्छेद 368) की अपेक्षानुसार इसे आधे से ज्यादा राज्य विधानमंडलों ने भी अनुसमर्थन दिया। तदनुसार राष्ट्रीय न्यायिक नियुक्ति आयोग अधिनियम भी पारित हुआ। संप्रति यह प्रावधान भारत...

More »

Video Archives

Archives

share on Facebook
Twitter
RSS
Feedback
Read Later

Contact Form

Please enter security code
      Close