पूर्वी दिल्ली के मंडावली क्षेत्र में तीन बहनें मृत पायी गयीं और प्रारंभिक पोस्टमार्टम रिपोर्ट में इस बात का संकेत है कि उनकी मौत भुखमरी से हुई। इसके बाद दिल्ली सरकार ने मामले में एक मजिस्ट्रेट जांच का आदेश दिया। इन तीनों की उम्र दो, चार और आठ साल थी और कल उन्हें दोपहर करीब एक बजे उनकी मां और एक मित्र अस्पताल लेकर आये थे। अस्पताल प्राधिकारियों ने पुलिस...
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आक्रोश जरूरी है पर भीड़ की हिंसा शर्मनाक- कैलाश सत्यार्थी
देश में बच्चा चोरी के नाम पर मॉब लिंचिंग यानी उन्मादी भीड़ द्वारा निर्दोषों की हत्याएं लगातार बढ़ रही हैं। पिछले करीब डेढ़ महीने में त्रिपुरा, असम, आंध्र प्रदेश, पश्चिम बंगाल, महाराष्ट्र, तेलंगाना और कर्नाटक में ऐसी 20 हत्याएं हो चुकी हैं। सिर्फ हत्यारी भीड़ को ही नहीं, बल्कि इलाके के आम लोगों को शक था कि बच्चा चोर किडनियां बेचने, वेश्यावृत्ति कराने और शहरों में भीख मंगवाने के लिए...
More »ये किस देश के लोग हैं!-- कुमार प्रशांत
अल्लामा इकबाल ने एक नज्म लिखी थी- ‘मेरा वतन वही है, मेरा वतन वही है!' मैं जितनी बार इस नज्म को पढ़ता हूं, उतनी बार भीतर से कोई पूछता है कि इकबाल ने तो अपने वतन की पहचान कर ली थी, तुम अपने वतन की पहचान क्या अौर कैसे करते हो? मैं जवाब नहीं दे पाता. मैं किस तरह अपने वतन को समझूं (या समझाऊं) कि जहां अकारण स्वामी अग्निवेश...
More »क्या न्यायपालिका ही अंतिम आसरा है-- शशिशेखर
गुजरे हफ्ते जब सुप्रीम कोर्ट हुक्मरानों को लताड़ रहा था- आप भीड़ को इंसाफ करने का हक नहीं दे सकते, भीड़ की हिंसा रोकने के लिए कानून बनाइए और ऐसे मामलों से सख्ती से निपटिए, तो माननीय न्यायमूर्तिगण को मालूम न था कि सैकड़ों किलोमीटर दूर एक गुमनाम से शहर पाकुड़ में दूसरी पटकथा रची जा रही है। कुछ घंटे बाद हमने टीवी के परदे पर 78 साल के...
More »शरिया अदालत का बेतुका प्रस्ताव - ए. सूर्यप्रकाश
ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड यानी एआईएमपीएलबी द्वारा देश के प्रत्येक जिले में शरिया अदालतों की स्थापना के प्रस्ताव से एक नया बखेड़ा खड़ा हो गया है। इसने सेक्युलर राज्य के बुनियादी तत्वों को लेकर उस बहस को भी पुनर्जीवित कर दिया है, जो सात दशक पहले संविधान सभा में शुरू हुई थी। ऐसा लगता है कि संविधान सभा में समान नागरिक संहिता के विरोध को लेकर डॉ. भीमराव...
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