मोंगाबे हिंदी, 21 जून बेमौसम बारिश और तापमान में अचानक हुई बढ़ोतरी ने महाराष्ट्र में अल्फांसो आम की पैदावार को कम कर दिया है। इस वजह से पिछले साल की तुलना में इन आमों की कीमत लगभग दोगुनी हो गई। इस साल अप्रैल में यह फल पुणे की सरकारी मंडी (APMC/एपीएमसी) मे 700 से 1000 रुपये प्रति दर्जन बिका। वहीं पिछले साल एक दर्जन की कीमत 500 से 700 रुपए थी। अल्फांसो (मैंगीफेरा...
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किसान आंदोलन: दायरा बढ़ाकर राष्ट्रीय मंच बनाने की जरूरत
-रूरल वॉइस, किसान नेता राकेश टिकैत ने कुछ महीने पहले कहा था कि अगर उनकी मांगों को नहीं माना गया तो साल 2024 तक किसान दिल्ली के बॉर्डरों पर धरने पर बैठने को तैयार हैं । टिकैत ने यह बयान तब दिया था जब किसान नेताओं औऱ सरकार के बीच लगातार बढ़ती तनातनी के बीच जनवरी के बाद से सरकार की तरफ से औपचारिक बातचीत भी बंद हो गई । लेकिन...
More »क्या हमारे देश के किसान अपनी उपज एपीएमसी मंडियों में ही बेचते हैं?
जब तीन कृषि कानूनों में से एक, यानी कृषि उत्पाद व्यापार और वाणिज्य (संवर्धन और सुविधा) अधिनियम, 2020 (द फार्मर्स प्रोड्यूस ट्रेड एंड कॉमर्स (प्रमोशन एंड फैसिलिटेशन) एक्ट, 2020) को पिछले साल अधिनियमित किया गया था, तो इसके समर्थकों द्वारा यह तर्क दिया गया था कि कानून फसल कटाई के बाद किसानों को अपनी उपज (और व्यापारियों को उस उपज को खरीदने के लिए) को कृषि उपज मंडी समिति-एपीएमसी मंडियों...
More »कृषि अध्यादेश आने के बाद नई मंडियों के निर्माण पर योगी सरकार ने क्यों लगाई रोक?
-न्यूजलॉन्ड्री, केंद्र सरकार द्वारा पारित तीन कृषि कानूनों के खिलाफ दिल्ली के सिंघु, टिकरी और गाजीपुर बॉर्डर पर भारी संख्या में किसान बीते नौ महीनों से प्रदर्शन कर रहे हैं. इस दौरान किसान नेताओं और सरकार के बीच 11 दौर की बातचीत हुई, लेकिन इसका में कोई हल नहीं निकला. दरअसल सरकार इन कानूनों को किसान हित में बता रही है, वहीं किसान नेता इसे काला कानून बताकर सरकार से वापस...
More »पाँच साल बाद भी लड़खड़ा रही ई-मंडियां, कैसे करेंगी किसान की मदद?
-इंडिया स्पेंड, मुज़फ़्फ़रनगर: केंद्र सरकार ने वर्ष 2016 में सारी कृषि मंडियों को इंटरनेट से जोड़कर एक संयुक्त राष्ट्रीय मंडी बनाने के उद्देश्य से ई-मंडी योजना की शुरुआत की। ई-मंडी यानी इंटरनेट पर चलने वाली इस मंडी के ज़रिए किसान देश के किसी भी राज्य में फसल का दाम जानकर कहीं के भी व्यापारी को अपनी फसल बेच सकता है। साल 2021-22 का वित्तीय बजट पेश करते वक़्त वित्त मंत्री निर्मला सीतारमन...
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