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क्यों पूंजीवादी सरकारें बेरोज़गारी की कम और मुद्रास्फीति की ज़्यादा चिंता करती हैं?

-न्यूजक्लिक, पूंजीवादी सरकारें हमेशा ही बेरोजगारी बढ़ाने के जरिए मुद्रास्फीति पर नियंत्रण कायम करने की कोशिश करती हैं। इसका, इन दोनों के बीच किसी टिकाऊ संतुलन में उनके विश्वास से यानी दोनों को आपस में जोडऩे वाले किसी स्थिर चाप पर विश्वास करने से, कुछ लेना-देना नहीं है। यहां तक कि जो लोग मुद्रास्फीति के दूसरे-दूसरे कारण मानते हैं, जैसे मुद्रा की फालतू आपूर्ति (‘मालों की कम मात्रा के पीछे जरूरत...

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केंद्र के अपारदर्शी नीलामी नियमों के चलते सरकार के ख़र्च पर दाल मिल मालिकों को हुआ जमकर मुनाफ़ा

-द वायर, केंद्र की मोदी सरकार द्वारा नीलामी प्रक्रिया में बदलाव करने के चलते गरीबों के लिए आवंटित कई टन दाल के जरिये मिल मालिकों की झोली भरी गई है. द रिपोर्टर्स कलेक्टिव द्वारा नीलामी दस्तावेजों की जांच से पता चलता है कि सरकारी खरीद एजेंसी नेफेड, जो कि कल्याणकारी योजनाओं के तहत कच्ची दालों को संसाधित करने के लिए मिल मालिकों को चुनती है, ने साल 2018 से लेकर अब तक...

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कॉरपोरेट टैक्स दरों को घटाने के बावजूद भी कॉरपोरेट क्षेत्र के लिए नियमित रूप से टैक्स छूट और प्रोत्साहन जारी

अक्सर यह मुख्यधारा के अर्थशास्त्रियों द्वारा तर्क दिया जाता है कि हर साल केंद्रीय बजट का एक बड़ा हिस्सा बर्बाद हो जाता है क्योंकि सरकार खाद्य और उर्वरक सब्सिडी पर खर्च करती है. पूरे बजट के साथ-साथ सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) के सापेक्ष इन दोनों सब्सिडी के डेटा का उपयोग अक्सर इस तर्क को बल देने के लिए किया जाता है कि आर्थिक के साथ ही साथ देश की पर्यावरणीय...

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बैंकों को प्राइवेट बनाने पर वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण के तर्क

-बीबीसी, आम बजट में दो बैंकों के निजीकरण की घोषणा के बाद सरकारी बैंकों की दो दिवसीय हड़ताल समाप्त हो चुकी है लेकिन इस पर सियासी बहसबाज़ियां भी ख़ूब हुईं. इसकी शुरुआत मंगलवार को कांग्रेस नेता राहुल गांधी के ट्वीट के बाद हुई. कांग्रेस नेता ने ट्वीट करके हड़ताल कर रहे बैंक कर्मचारियों का समर्थन किया था. उन्होंने ट्वीट में लिखा था कि 'भारत सरकार लाभ का निजीकरण और हानि का राष्ट्रीयकरण कर...

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अडानी समूह के गोदाम में गेहूं न रखने से हुए नुकसान की कैग रिपोर्ट हटाने को प्रयासरत मोदी सरकार

-द वायर, केंद्र की मोदी सरकार नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक (कैग) की उस रिपोर्ट में संशोधन कराने की कोशिश कर रही है, जिसमें कैग ने भारतीय खाद्य निगम (एफसीआई) को फटकार लगाते हुए कहा था कि हरियाणा के कैथल स्थित अडानी साइलो में स्वीकृत मात्रा में अनाज न रखने के चलते करदाताओं का 6.49 करोड़ रुपये का बेजा खर्च हुआ है. उपभोक्ता मामले, खाद्य और सार्वजनिक वितरण मंत्रालय, जिसके अधीन एफसीआई आता...

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