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गांधी और कॉपीराइट का सवाल-- रामचंद्र गुहा

आर ई हॉकिंस ऐसे अंग्रेज थे, जिन्हें ज्यादा शोहरत तो नहीं मिली, लेकिन बतौर प्रकाशक उन्होंने अपनी जड़ें जमाईं और भारत में ही बस गए। दिल्ली के स्कूल में अध्यापन के लिए 1930 में भारत आए हॉकिंस असहयोग आंदोलन में स्कूल बंद हो जाने पर बंबई चले गए और ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी प्रेस से जुड़ गए। 1937 में इसके महाप्रबंधक बने और अगले 30 साल तक इसे खासी सफलता से संचालित...

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कैसे आएंगे कठघरे में साइबर अपराधी-- जाहिद खान

‘डिजिटल इंडिया' के सरकारी नारों के पीछे हमारी साइबर सुरक्षा कितनी पुख्ता और अभेद्य है, इस बात की पोल एक बार फिर सरकारी वेबसाइटों में सेंध लगने और इन वेबसाइटों के बंद होने की घटना ने खोल दी है। पिछले दिनों अचानक रक्षा मंत्रालय की वेबसाइट के होम पेज पर चीनी शब्द दिखाई देने लगा। इसके कुछ देर बाद ही गृह मंत्रालय, चुनाव आयोग और श्रम मंत्रालय सहित करीब दस...

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नेट निरपेक्षता और साइबर अपराध-- अरविंद कुमार सिंह

हाल में भारतीय दूरसंचार नियामक प्राधिकरण (ट्राइ) द्वारा अपने अनुशंसा-पत्र में यह सुनिश्चित किया जाना कि इंटरनेट सेवा प्रदाताओं (आइएसपी) को अपने मुनाफे के लिए अथवा किसी खास वेब ट्रैफिक को रोकने, धीमा करने या उसकी गुणवत्ता को प्रभावित करने का हक नहीं है, एक तरह से इंटरनेट सेवा प्रदाताओं की मनमानी पर अंकुश लगाने वाला कदम है। ट्राइ ने इंटरनेट सेवा प्रदाताओं की मनमानी व चालबाजी को छल मानते...

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स्मृति शेष : प्रकृति के पहरेदार का जाना

जाने-माने गांधीवादी और पर्यावरणविद् अनुपम मिश्र अब हमारे बीच नहीं रहे. पर्यावरण के लिए वे तब से काम कर रहे हैं, जब देश में पर्यावरण का काेई विभाग नहीं खुला था. बगैर बजट के उन्होंने देश-दुनिया के पर्यावरण की जिस बारीकी से खोज-खबर ली, वह करोड़ों रुपये बजट वाले विभागों और परियोजनाओं के लिए संभव नहीं हो पाया है. वर्ष 1948 में वर्धा में जन्मे अनुपम प्रख्यात साहित्यकार भवानी...

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पानी की कहानी कहने वाले पर्यावरण के गुरु का जाना

अनुपम भाई सरलता, सहजता और विनम्रता की ऐसी मूर्ति थे जो प्रकृति, पानी, पर्यावरण और मानवता के बीच एक गहरा संबंध बनाते रहे। वे हमेशा ही बड़ी से बड़ी सच्चाई को बिना किसी से डरे, बिना किसी लालच और द्वेष के निष्पक्ष होकर बोल देते थे। मैंने अपने जीवन में उनके जैसे सहज, सरल किंतु बेबाक लोग कम ही देखे हैं।   अनुपमजी ने अपनी जीवन-यात्रा पानी व पर्यावरण को समर्पित कर...

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