ब्रिटिश कवि सैम्युअल टेलर कॉलरिज की कविता द राइम ऑफ द एनसिएंट मरीनर में एक पंक्ति है वाटर, वाटर एव्रीवेयर, नॉर एनी ड्रॉप टु ड्रिंक यानी पानी तो हर जगह है, पर एक बूंद भी पीने के काबिल नहीं। करीब दो सदी पहले इन शब्दों को रचते हुए सैम्युअल क्या आने वाले वर्षों की भविष्यवाणी कर रहे थे? क्या वह जाने-अनजाने उस जल संकट का कयास लगा रहे...
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जीएसटी से यूपी-बिहार-झारखंड में दवाओं का संकट
सरकारी अस्पतालों को दिए जानेवाले वजट में कटौती, वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) में बढ़े कर और आपूर्तिकर्ता एजेंसियों द्वारा दवा की आपूर्ति न किए जाने से उत्तर प्रदेश, बिहार और झारखंड के अस्पतालों में दवाओं की भारी किल्लत हो गई है। यूपी में कई अस्पतालों में तो कर्मचारियों और नर्सिंग स्टाफ को जून का वेतन नहीं मिला है। इससे नाराज मेडिकल कॉलेज कर्मचारी एसोसिएशन ने आंदोलन की चेतावनी दी...
More »अब नई टेलीकॉम नीति लाने का वक्त-- राजीव चंद्रशेखर
देश में दूरसंचार के क्षेत्र में सुधार लागू होने का पच्चीसवां साल चल रहा है, जो अगले साल पूरा होगा। आधुनिक भारत के इतिहास में ये सुधार मील का महत्वपूर्ण पत्थर है। 1993 में ही चार प्रमुख महानगरों में निजी कंपनियों को सेल्यूलर टेलीफोनिंग के लाइसेंस दिए गए थे। यह वह समय था जब फोन कनेक्शन की वेटिंग लिस्ट 3-4 साल की होती थी और फोन से जुड़ी शब्दावली में...
More »आर्थिक विकास के लिए नीतियां जरूरी
वैश्विक होती अर्थव्यवस्था के दौर में समान विकास की अवधारणा मजबूत हो रही है. नीति-निर्माता से लेकर आर्थिक विशेषज्ञ इस बात पर एकमत हैं कि विकास दर जरूरी है, लेकिन बिना आर्थिक असमानता को दूर किये विकास अधूरा है. इस व्यापक सोच के साथ रांची में ‘इंटरनेशनल काॅन्फ्रेस ऑन इन्क्लूसिव एंड सस्टेनेबल डेवलपमेंट इन झारखंड: चैलेंज एंड अपॉर्चुनिटी' विषय पर तीन दिवसीय सेमिनार का आयोजन किया जा रहा है. पूर्वी भारत...
More »कॉल ड्रॉप का गोरखधंधा-- रघु ठाकुर
इस समय देश में मोबाइल फोन के उपभोक्ताओं की संख्या अस्सी-नब्बे करोड़ के बीच पहुंच गई है और कुछ लाचारी तथा कुछ जरूरतों के आधार पर एक-एक व्यक्ति दो-तीन मोबाइल फोन रखने को बाध्य हो रहा है। जमीनी फोन की संख्या घटी है और उसके पीछे भी महत्त्वपूर्ण कारण नब्बे के दशक से एक तरफ देश में मोबाइल फोन के प्रति लोगों का आकर्षण बढ़ना और दूसरी तरफ जमीनी फोन...
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