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अडानी के खनन से हसदेव का जंगल बचाने के लिए आदिवासियों की ऐतिहासिक पदयात्रा

-जनपथ, कोयला खनन के विरोध में सरगुजा और कोरबा जिले के 30 गांवों के 350 से अधिक आदिवासी ‘हसदेव बचाओ पदयात्रा’ के बैनर तले पदयात्रा कर रहे हैं। ग्रामीणों ने अपनी यात्रा मदनपुर ग्राम से शुरू की और 10 दिनों में 300 किमी से अधिक की दूरी तय करते हुए वे राजधानी रायपुर पहुंच रहे हैं, जहां वे अपनी मांगों को छत्तीसगढ़ के राज्यपाल और मुख्यमंत्री को सौंपेंगे। आदिवासियों ने इसका...

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‘मोदी सरकार उद्योगपतियों के झुंड से घिरी’, हेमंत सोरेन कोल ब्लॉक नीलामी के खिलाफ गए सुप्रीम कोर्ट

-द प्रिंट, झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने मोदी सरकार पर आरोप लगाया है कि वह ‘पूरी तरह से बिजनेसमैन के झुंड से घिरी हुई है’. इसलिए उन्होंने राज्य के 22 कोयला ब्लॉकों को नीलामी करने के अपने फैसले को खारिज कर दिया है. सोरेन ने यहां संवाददाताओं से कहा, ‘मोदी सरकार ने राज्य सरकारों को विश्वास में लिए बिना जल्दबाजी में यह निर्णय लिया है. सरकार पूरी तरह उद्योगपतियों के झुंड...

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कोविड-19 आर्थिक पैकेजः निर्मला सीतारमण के ‘नए ढाँचागत सुधार’ आख़िर कितने नए हैं?

-बीबीसी, वित्त मंत्री निर्मला सीतामरण ने पाँच चरणों में 20 लाख करोड़ के आर्थिक पैकेज का पूरा विवरण देश के सामने रखा है. वन नेशन, वन राशन कार्ड के ज़रिए प्रवासी मज़दूरों को उनके काम के ठिकाने पर फ्री अनाज और छोटे-मझोले व्यवसाय के लिए क़र्ज़ में रियायतों के ऐलान किए गए हैं. 'आत्मनिर्भर भारत' पैकेज के तहत बीते शनिवार को किए गए चौथे ऐलान में स्ट्रक्चरल रिफ़ॉर्म यानी संरचनात्मक बदलाव की...

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न्याय की चौखट पर न अटके विकास - डॉ. भरत झुनझुनवाला

हर वर्ष बजट की पूर्वसंध्या पर केंद्र सरकार की ओर से आर्थिक सर्वेक्षण जारी किया जाता है। इस रपट में बीते वर्ष का लेखा-जोखा दिया जाता है। इस वर्ष के सर्वेक्षण में आर्थिक विकास पर न्यायपालिका के प्रभाव को भी बताया गया। इसमें कहा गया कि विकास की तमाम योजनाओं पर कोर्ट ने स्टे दे रखा है, जिसके कारण वे रुकी पड़ी हैं। इन स्टे के कारण 52,000 करोड़ की...

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बेदम इकाई का निजीकरण ही भला - डॉ. भरत झुनझुनवाला

आखिरकार सरकार ने एअर इंडिया के निजीकरण का निर्णय ले ही लिया। सार्वजनिक इकाइयों के निजीकरण के विरुद्ध पहला तर्क मुनाफाखोरी का दिया जा रहा है। जैसे ब्रिटिश रेल की लाइनों की कंपनियों का निजीकरण कर दिया गया। पाया गया कि रेल सेवा की गुणवत्ता में कमी आई। रेलगाड़ियों ने समय पर चलना बंद कर दिया। सुरक्षा पर खर्च में कटौती हुई, परंतु रेल का किराया नहीं घटा। दक्षिण अमेरिका...

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