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दुनिया में मलेरिया कितना बड़ा खतरा है ?

सन् 1799 की बात है। चौथे आंग्ल–मैसूर युद्ध में ईस्ट इंडिया कंपनी की सेना ने टीपू सुल्तान को हरा दिया। हार के बाद राजधानी श्रीरंगापट्टनम पर विलायती सेना का कब्जा हो गया, सैनिक श्रीरंगापट्टनम के किले में बस गए। लेकिन कुछ वक्त बाद वहां पर सिपाही बीमार पड़ने लगते हैं। बीमारी के डर से राजधानी को बैंगलोर ले जाया जाता है फिर भी बीमारी पीछा नहीं छोड़ती है। बीमारी का...

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टीबी कब हारेगा और देश कब जीतेगा ? क्या वर्ष 2030 तक पूरी दुनिया से टीबी रोग का खात्मा हो जाएगा ?

सन् 1962 की बात है। भारत के सैनिक सीमा पर चीनी घुसपैठियों से लड़ रहे थे। तभी एक और जंग देश के भीतर शुरू की गई। यह लड़ाई तपेदिक या टीबी रोग के खिलाफ थीं। चीन से छिड़ी जंग एक महीने के समय अंतराल में अपने अंजाम पर पहुंच गई। पर देश के भीतर टीबी के खिलाफ छेड़ी गई जंग तक़रीबन 60 वर्षों के बाद भी जारी है। आज भी भारत...

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सरकारी अनियमितता की वजह से टीबी के साथ साथ कुपोषण से भी लड़ रहे है परिवार

इंडियास्पेंड, 13 अक्टूबर ऋषिकेश: छह बच्चों की मां सीता देवी (42) उत्तराखंड के ऋषिकेश की एक झुग्गी बस्ती में रहती हैं। स्थानीय लोगों में ये बस्ती बिहारी बस्ती के नाम से भी जानी जाती है। सीता देवी का 15 साल का बेटा टीबी यानी ट्यूबरक्लोसिस से संक्रमित है। "तीन चार महीने तक मैंने इधर-उधर से उसका इलाज कराया। लेकिन बुखार उतर नहीं रहा था और वह बहुत कमजोर हो गया था। डेढ़...

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खबरदार

  खास बात • गंगोत्री ग्लेशियर सालाना ३० मीटर की गति से सिकुड़ रहा है।* • अगर समुद्रतल की ऊंचाई एक मीटर बढ़ती है तो भारत में ७० लाख लोग विस्थापित होंगे।* • पिछले बीस सालों में ग्रीनहाऊस गैसों के उत्सर्जन में सर्वाधिक बढ़ोत्तरी जिवाश्म ईंधन के दहन से हुई है।* • मानवीय क्रियाकलापों के कारण ग्लोबल ग्रीन हाऊस गैस के उत्सर्जन में लगातार बढोत्तरी हो रही है। अगर औद्योगीकरण के पहले के समय से तुलना करें तो मानवीय क्रियाकलापों...

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झारखंड में गढ़वा के रपुरा गांव के प्रजापतियों को सड़क नहीं दे रहे राजपूत, कहते हैं मुख्यमंत्री की औकात नहीं कि खुलवा लें रास्ता

-कारवां, झारखंड के गढ़वा जिले के कांडी प्रखंड मुख्यालय से दस किलोमीटर दूर रपुरा गांव के नवडीहवा टोले के लोग सड़क की समस्या को लेकर एक बार फिर 15 जून को अंचल कार्यालय प्रदर्शन करने पहुंचे थे. लेकिन तीन-चार घंटे के बाद उन्हें लॉकडाउन का हवाला देकर और बाद में रास्ते का हल निकालने की बात कह कर चलता कर दिया गया. टोले वालों के मुताबिक यह लोग इसी तरह पिछले साल 21 दिसंबर को...

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