-गांव कनेक्शन, बिहार की राजधानी पटना से करीब 90 किलोमीटर पूरब की ओर बसे मोकामा क्षेत्र की कई पहचान है। कुछ पहचान ऐतिहासिक है और कुछ पौराणिक। इन पहचानों से इतर एक और पहचान है, जो यहां की अर्थव्यवस्था से गहरे जुड़ी हुई है। मौसम के लिहाज से दक्षिण बिहार और उत्तर बिहार दो ध्रुवों पर खड़ा नजर आता है। दक्षिण बिहार में अपेक्षाकृत अधिक गर्मी और अधिक सर्दी पड़ती है।...
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छत्तीसगढ़ की परंपरागत उतेरा खेती -बाबा मायाराम
छत्तीसगढ़ के कोटा विकासखंड का गांव सेमरिया। इस गांव के किसान फेंकूराम गंधर्व और संतोषी बाई ने उतेरा खेती विधि से फसल उगाई है। अभी उनके खेत में बटरी की फसल लहलहा रही है। फेंकूराम और संतोषी की तरह ही दानोखार, फुलवारीपारा, करहीकछार, सेमरिया के किसान भी फसल उगाने के लिए उतेरा खेती विधि का प्रयोग करते हैं. उतेरा खेती विधि में एक फसल कटने से पहले दूसरी फसल को बोया...
More »बिहार : दाल उत्पादन में आत्मनिर्भर बनेगा प्रदेश
पहल : राज्य में हर दिन दाल की उपलब्धता प्रति व्यक्ति 41 ग्राम व राष्ट्रीय स्तर पर 52 ग्राम पटना : फिल्म ज्वार भाटा का गाना दाल रोटी खाओ, प्रभु का गुण गाओ आज भी लोग गुनगुनाते हैं, लेकिन हकीकत इससे उलट है. जरूरत के मुताबिक राज्य के लोगों को दाल उपलब्ध नहीं है. दाल के कटोरा के नाम से मशहूर मोकामा टाल व काला सोना ( उड़द) के...
More »पहाड़ी कोरवाओं की बेंवर--- खेती बाबा मायाराम
छत्तीसगढ़ को धान का कटोरा कहा जाता है लेकिन यहां ऐसे समुदाय भी हैं, जो धान की खेती नहीं करते। उनमें से एक समुदाय है पहाड़ी कोरवा। पहाड़ी कोरवा उन आदिम जनजाति में एक है जिनका जीवन पहाड़ों व जंगलों पर निर्भर है। यह आदिवासी पहाड़ों पर ही रहते हैं और इसलिए इन्हें पहाड़ी कोरवा कहते हैं। ये लोग बेंवर खेती करते हैं जिसमें सभी तरह के अनाज एक...
More »कर्जमाफी नहीं है समाधान -- देविंदर शर्मा
इस हफ्ते की शुरुआत मध्य प्रदेश के 42 वर्षीय किसान रमेश बसेने की आत्महत्या के साथ हुई। हिन्दुस्तान टाइम्स में छपी खबर में बताया गया था कि उस पर 25,000 रुपये का कर्ज था। कुछ ही हफ्ते पहले महाराष्ट्र के एक किसान की 21 वर्षीया बेटी शीतल व्यंकट की आत्महत्या की भी दुखद खबर आई थी। अपनी शादी के लिए पैसे के इंतजाम को लेकर पिता की परेशानी उससे...
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