संदीप तिवारी, रायपुर(छत्तीसगढ़)। परिवार को केमिकलमुुक्त साग-सब्जियां और फल खाने के लिए मिलें, पर्यावरण में सुधार हो, शुद्ध , ताजी, पौष्टिक और मौसमी सब्जियां घर में ही उपलब्ध होने से बीमारियां दूर हों और शुद्ध एवं ताजी हवा मिले। इस मकसद से राज्य की विभिन्न् महिला स्व सहायता समूह की दो लाख से अधिक महिलाओं ने घर की छत पर जैविक खेती करने के लिए बीड़ा उठाया है। इसके लिए इंदिरा...
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एक गलत शैली का राजकाज - जयराम रमेश
बहुत जल्दी नरेंद्र मोदी प्रधानमंत्री के रूप में एक साल का समय पूरा कर लेंगे। नि:संदेह वे और उनके साथी सरकार के इस कालखंड को मील के पत्थर के तौर पर प्रचारित करेंगे और अपनी उपलब्धियों का गुणगान करेंगे। वहीं आलोचना में इस बात को इंगित किया जाएगा कि उन्होंने अपने वादे पूरे नहीं किए। बहुत बड़ी-बड़ी बातें की गईं, जिन पर बाद में सरकार ने यू-टर्न ले लिया। जीएसटी...
More »शक्ल ही भद्दी हो तो आईना क्या करे? - शरद यादव
नैतिकता, स्त्री-पुरुष संबंधों और स्त्री से जुड़े तमाम सवालों को लेकर हमारे सामाजिक और राजनीतिक जीवन में खासकर खाए-अघाए तबके में पाखंड इस कदर हावी है कि वह अपनी तमाम कुंठाओं को तरह-तरह से छुपाता है और सच का या कड़वे सवालों का सामना करने से कतराता और घबराता है। इसलिए 'नईदुनिया" के 18 मार्च के अंक में श्री अमूल्य गांगुली ने मेरी आलोचना करते हुए जो लेख लिखा, उससे...
More »केंद्र सरकार का छत्तीसगढ़ में नसबंदी से केवल 11 मौतों का दावा
नईदुनिया ब्यूरो, नई दिल्ली। केंद्र सरकार ने छत्तीसगढ़ में नसबंदी के दौरान हुई मौतों के लिए संक्रमण और दवाओं की गुणवत्ता में कमी को जिम्मेदार बताया है, साथ ही मरने वालों की संख्या महज 11 बताई है। केन्द्रीय रसायन एवं और उर्वरक मंत्री अनंत कुमार ने लोकसभा में एक प्रश्न के लिखित जवाब में बताया कि छत्तीसगढ़ में नसबंदी के दौरान हुई महिलाओं की मौत में संक्रमण के साथ साथ...
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