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जलवायु परिवर्तन को अनुकूल बनाने के लिए स्थानीय पहल अधिक जरूरी क्‍यों?

इंडियास्पेंड, 04 जनवरी झारखंड के लातेहार जिले के नेतरहाट पहाड़ियों में बसे गांव दादीचापर में बिरजिया जनजाति के लगभग 35 परिवार रहते हैं। बिरजिया समुदाय भारत के सबसे दुलर्भ चिन्हित 75 आदिवासी समूहों में से एक है। बादलों से ढकी घुमावदार पहाड़ियों और घने जंगलों से घिरा हुआ यह क्षेत्र काफी मनोरम दिखता है। दादीचापर गांव, लातेहार शहर से 30 किलोमीटर दूर है और इस गांव तक एक पथरीली और घुमावदार सड़क...

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ग्रामीण भारत में बढ़ता प्लास्टिक ज्यादा बड़ी चुनौती

डाउन टू अर्थ, 29 नवम्बर  कलड़वास राजस्थान के उन कुछ गांवों में से एक है, जहां घर-घर जाकर सभी 710 घरों से कूड़ा इकट्ठा किया जाता है। इस कार्य के लिए ग्राम पंचायत ने 8,000 रुपए प्रति माह के वेतन पर दो पूर्णकालिक कूड़ा उठाने वाले लोगों को नियुक्त किया है। पंचायत ने हाल ही में जिला प्रशासन के सामने कूड़े को रिसाइकल करने वाली मशीनों को लगाने के लिए एक वित्तीय...

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मनरेगा के लिए मांगे थे 98 हजार करोड़, मिले मात्र 60 हजार करोड़

डाउन टू अर्थ, 23 मार्च  महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार अधिनियम (मनरेगा) योजना के लिए केंद्रीय ग्रामीण विकास मंत्रालय ने वर्ष 2023-24 के बजट के लिए 98 हजार करोड़ रुपए की मांग की थी, लेकिन वित्त मंत्रालय ने इसमें लगभग 38 प्रतिशत की कटौती कर दी। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण द्वारा पेश किए गए आम बजट 2023-24 के लिए मनरेगा का अनुमानित बजट 60 हजार करोड़ रुपए रखा है। संसद की ग्रामीण...

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दिल्ली सहित कई शहरों में आवास और आजीविका के विस्थापन के खिलाफ विरोध प्रदर्शन

~ प्रेस विज्ञप्ति नई दिल्ली, 6 सितंबर, 2022: आज जब हम 76वें स्वतंत्रता दिवस और आज़ादी का अमृत महोत्सव को मना रहे हैं, उसी समय झुग्गियों, बस्ती कॉलोनियों में रहने वाले और असंगठित क्षेत्र के हजारों श्रमिकों को उनके घरों से बेदखल कर दिया गया है, जिन्हें बिना किसी पुनर्वास के अपनी आजीविका से वंचित भी कर दिया गया है, वे "बुलडोजर राज" के खिलाफ़ जंतर-मंतर पर अपनी आवाज उठाने के...

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केंद्रीय बजट 2022-23 में पूंजीगत खर्च बढ़ाने के पीछे का सच

-न्यूजक्लिक, वित्त मंत्री सुश्री निर्मला सीतारमण का केंद्रीय बजट 2022-23 एक ही जुनून (obsession) पर आधारित है। यह जुनून बड़े-बड़े इंफ्रास्ट्रक्चर प्रोजेक्ट्स में कैपिटल एक्सपेंडिचर (कैपेक्स) बढ़ाने का है। धारणा यह है कि इस तरह के big-ticket वाले बुनियादी ढांचे के खर्च से अतिरिक्त मांग पैदा होगी और निजी निवेश का खुद ही प्रवेश होगा, और इस तरह विकास को बढ़ावा मिलेगा।  न्यूज़क्लिक ने पूर्व वित्त सचिव श्री एस.पी. शुक्ला से केंद्रीय...

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