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सरकार ने करोड़ों ख़र्च किए, लेकिन पंजाब में पराली जलाने का व्यावहारिक विकल्प खोजने में विफल रही

-द वायर, पराली जलाने की समस्या का समाधान करने के लिए केंद्र सरकार ने पिछले चार सालों में 2,000 करोड़ रुपये से अधिक की राशि खर्च की है, लेकिन इसके बावजूद दिल्ली-एनसीआर, पंजाब और हरियाणा की वायु गुणवत्ता खराब श्रेणी रही है. इस राशि में से 1,050.68 करोड़ रुपये पंजाब को दिए गए थे, लेकिन यहां अभी भी भारी तादाद में खेतों में पराली जलाए जा रहे हैं. पंजाब प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (पीपीसीबी)...

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वंदना कटारिया विवाद: पिछड़ जाने की जलन, पारिवारिक रंजिश और जातिवाद

-न्यूजलॉन्ड्री, सोमवार को भारतीय महिला हॉकी टीम ओलिंपिक में पदक से चूकने के बाद वापस लौटने वाली थी. हालांकि टीम ने पूरे टूर्नामेंट में शानदार प्रदर्शन किया था. खिलाड़ियों के स्वागत के लिए सैकड़ों लोग एयरपोर्ट पर जमा हुए थे. इंदिरा गांधी अंतराष्ट्रीय हवाई अड्डे पर सैंकड़ों लोगों ने खिलाड़ियों का स्वागत किया. जब यह सब हो रहा था तब टीम की एक अहम सदस्य वंदना कटारिया के गांव में सन्नाटा...

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चेतावनी : पटाखे बना सकते हैं दिल्ली को गैस चैंबर, खतरनाक पीएम 2.5 बढ़ने से बढ़ सकती हैं अतिरिक्त मौतें

-डाउन टू अर्थ, दिल्ली-एनसीआर समेत खराब वायु गुणवत्ता वाले शहरों में यदि कोविड महामारी के दौर वाली 2020 की दीपावली में भी अदालत व अन्य आदेशों का उल्लंघन करते हुए पटाखे दगाए या जलाए जाते हैं तो यह न सिर्फ शहरों को गैस चैंबर में बदल सकता है बल्कि अतिरिक्त मौतों का कारण भी बन सकता है।   दीपावली में पटाखे जलाए जाने के दौरान कारण यह पाया गया है कि इससे...

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दिल्ली के प्रदूषण के लिए दिवाली के पटाख़े कितने ज़िम्मेदार?

दिल्ली और इससे जुड़े इलाकों में तापमान गिरने और दिवाली मनाए जाने के बाद हवा की गुणवत्ता बेहद ख़राब स्थिति में पहुंच चुकी है. दुनिया भर के अलग अलग शहरों में वायु प्रदूषण की हालत बताने वाली वेबसाइट एयर क्वालिटी इंडेक्स के मुताबिक़, 28 अक्टूबर की सुबह दस बजे दिल्ली दुनियाभर में दूसरा सबसे प्रदूषित शहर बन गया.   27 अक्टूबर की शाम 11 बजे के बाद से 28 अक्टूबर सुबह तक दिल्ली...

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बढ़ती अशांति और भ्रांति से बेचैन - मृणाल पांडे

साल 2017 समाप्ति पर है, लेकिन नई सदी के उपजाए सरदर्द घट नहीं रहे। पाकिस्तान में हर दो-तीन महीनों के भीतर कट्टरपंथी गुट उदारवादी लोकतांत्रिक मूल्यों को मानव बम से उड़ा रहे हैं। म्यांमार में बौद्ध बहुसंख्य जनता द्वारा रोहिंग्या मुस्लिमों को जबरन भेड़-बकरियों की तरह देश से बाहर हांक दिया गया है और वे हर पड़ोसी देश की सीमा पर बेघर बने डांय-डांय डोल रहे हैं। पहले से ही...

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