बीबीसी हिंदी, 13 अगस्त मेरठ, हाशिमपुरा की रहने वाली अलफ़िशां ने घर के भीतर एक दरवाज़े पर अपनी माहवारी की तारीख़ का चार्ट टांगा हुआ है. घर में भाई और पिता भी साथ रहते हैं. उनकी निगाह भी आते-जाते इस चार्ट पर पड़ती है, लेकिन अब ये सामान्य हो चुका है. वे इसे देख लेते हैं और आगे बढ़ जाते हैं. अलफ़िशां ने बीबीसी से कहा, "महिलाओं में पीरियड्स के दौरान तमाम...
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भारत की जेलों में महिला क़ैदियों की ज़िंदगी केवल शोक के लिए अभिशप्त है…
-द वायर, सिर्फ एक पंखे और एक बल्ब की जरूरत वाले एक छोटे से कमरे में 45 औरतों को रखने के लिए प्रेसिडेंसी सुधार गृह (करेक्शनल होम) के अधिकारियों ने एक तरकीब निकाली: औरतों की शरीर का नाप लेकर उन्हें उनके आकार के ठीक बराबर की सोने की जगह आवंटित करने की. यह वाकया अपराजिता बोस ने सुनाया. जेलों में समय बिताने वाले लोगों के साथ ज्यादातार चर्चाओं जो एक शिकायत आमतौर...
More »दो युवकों ने बदल दी झारखंड के एक प्यासे गांव की तस्वीर
-इंडिया वाटर पोर्टल, दुनियाभर में पर्यावरण और जल संरक्षण का कार्य काफी तेजी से चल रहा है, लेकिन अधिकांश लोग इस कार्य को सोशल मीडिया पर स्टेटस डालकर अधिक कर रहे हैं। इसके बाद जल संरक्षण व्हाट्सअप्प आदि प्लेटफार्म पर फाॅरवर्ड मैसेज के रूप में देखने को मिलता है। स्पष्ट तौर पर हमारा जीवन सोशल मीडिया तक सीमित हो गया है और देश भीषट जल संकट का सामना कर रहा है,...
More »कोरोना: एम्स में नर्सों की हड़ताल, पीपीई किट से हो रहे इन्फ़ेक्शन और रेशेज़
-बीबीसी, “पीपीई किट में काम करना , एक पॉलिथीन में पैक होकर काम करने जैसा है. आप ना कुछ खा सकते हो, ना बाथरूम जा सकते हो और इंफ़ेक्शन का ख़तरा अलग बना रहता है.” “माहवारी में पैड इस्तेमाल नहीं कर सकते क्योंकि वो बदल नहीं सकते इसलिए एडल्ट डायपर पहनना पड़ता है. यूटीआई से लेकर स्किन इंफ़ेक्शन तक से परेशान हैं.” दिल्ली स्थित अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) में काम करने वाले...
More »कोरोना वायरस: मोदी सरकार की घोषणाएं ऊंट के मुंह में ज़ीरे समान
-बीबीसी, 26 मार्च को केंद्र सरकार ने एक ऐसे वित्तीय पैकेज का एलान किया, जो 21 दिनों लंबे लॉकडाउन के दौरान बिगड़ने वाली आर्थिक स्थिति को सुधारने में मददगार साबित हो. इस देशव्यापी लॉकडाउन का एलान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने एक दिन पहले ही किया था. लेकिन, सरकार द्वारा घोषित ये वित्तीय मदद, हालात को देखते हुए, उम्मीद से बहुत ही कम और अपर्याप्त है. ये उन लोगों की मदद करने में...
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