SEARCH RESULT

Total Matching Records found : 22

आतंकरोधी कानून/राज्य दर्पण/डरो, डरो, जल्दी डरो

-आउटलुक, पता नहीं, बुजुर्ग आदिवासी अधिकार कार्यकर्ता स्टेन स्वामी की मौत ने झकझोरा या नहीं, लेकिन अरसे बाद सुप्रीम कोर्ट में राजद्रोह की प्रासंगिकता पर सवाल उठा और कई हाइकोर्टों से यूएपीए, एनएसए जैसे कानूनों के दुरुपयोग पर तीखे फैसले आए तो सुलगते सवाल ज्वाला की तरह फूट पड़े। बेशक, हाल के कुछ वर्षों में असहमति और असंतोष को दबाने की खातिर इन कानूनों के दुरुपयोग के मामले बेहिसाब बढ़े हैं,...

More »

किसका दुखड़ा रोऊं!

-आउटलुक, “इंसाफ के बहाने कामयाब बिक्री का कारनामा सुशांत की गर्ल फ्रेंड रिया चक्रवर्ती को मुख्य संदिग्ध साबित करने पर उतर आया” प्रतिभा के धनी बॉलीवुड अभिनेता सुशांत सिंह राजपूत को दुनिया से विदा हुए साल भर बीत गए। पिछले साल लगभग तभी वह मीडिया ट्रॉयल भी शुरू हुआ था, जो इंसाफ की मुहिम के नाम पर बड़ी चालाकी से देश में अजीबोगरीब लहर पैदा कर रहा था। यह कहना तो निहायत...

More »

झारखंड की पहली आदिवासी लड़की कैसे पहुंची कुश्ती की विश्व चैंपियनशिप में?

-गांव कनेक्शन,  आदिवासी बाहुल झारखंड के खेल इतिहास में चंचला कुमारी पाहन ने अपना नाम ऐतिहासिक रूप से दर्ज करा लिया है। वह राज्य की पहली खिलाड़ी है जो कुश्ती की विश्व चैंपियनशिप में हिस्सा लेने जा रही है। गरीब आदिवासी परिवार की यह लड़की महज साढ़े 14 साल की है। रांची जिला मुख्यालय से 33 किलोमीटर दूर हटवाल गांव में बीते 22 जून से लोगों के आने-जाने का तांता लगा...

More »

मलियाना नरसंहार के 34 साल: हाशिमपुरा की तरह क्या यहां के पीड़ितों को न्याय मिल पाएगा?

-द वायर, 22-23 मई को मेरठ जिले के मलियाना गांव में हुए नरसंहार और मेरठ दंगों के दौरान जेलों में हिरासत में हुईं हत्याओं की 34वीं बरसी है. उस दिन उत्तर प्रदेश की कुख्यात प्रांतीय सशस्त्र पुलिस बल (पीएसी) द्वारा मेरठ के हाशिमपुरा मोहल्ले से 42 मुस्लिम युवकों उठाकर हत्या कर दी गई थी, जबकि अगले दिन 23 मई को पास के मलियाना गांव में 72 से अधिक मुसलमानों को मार...

More »

किसी को फ़र्ज़ी केस में फंसाकर उसकी ज़िंदगी ख़राब कर देना इतना आसान क्यों है

-द वायर, ‘कोई न कोई जरूर जोसेफ के के बारे में झूठी सूचनाएं दे रहा होगा, वह जानता था कि उसने कोई गलत काम नहीं किया है लेकिन एक अलसुबह उसे गिरफ्तार किया गया.’ (Someone must have been telling lies about Joseph K, he knew he had done nothing wrong but one morning, he was arrested) बहुचर्चित उपन्यासकार फ्रांज काफ्का के उपन्यास ‘द ट्रायल ’ (The Trial) की यह शुरुआती पंक्ति, जो लगभग...

More »

Video Archives

Archives

share on Facebook
Twitter
RSS
Feedback
Read Later

Contact Form

Please enter security code
      Close