SEARCH RESULT

Total Matching Records found : 33

जेंडर

खास बात   साल 2001 की जनगणना के अनुसार भारत में कुल श्रमशक्ति की तादाद 40 करोड़ है जिसमें 68.37 फीसद पुरुष और 31.63 फीसद महिला कामगार हैं। @ तकरीबन 75.38%  फीसद महिला श्रमशक्ति खेती में लगी है। @ एफएओ के आकलन के मुताबिक विश्वस्तर पर होने वाले कुल खाद्यान्न उत्पादन का 50 फीसद महिलायें उपजाती हैं। # साल 1991 की जनगणना के अनुसार 1981 से 1991 तक पुरुष खेतिहरों की संख्या में 11.67 फीसदी की बढोतरी...

More »

तिहाड़ जेल से नताशा और देवांगना के उम्मीद और प्रतिरोध के खत

-कारवां, फरवरी 2020 में उत्तर पूर्वी दिल्ली में हुई सांप्रदायिक हिंसा के संबंध में एक साल पहले महिला अधिकार संगठन पिंजरा तोड़ की सदस्य नताशा नरवाल और देवांगना कलिता को गिरफ्तार किया गया था. हाल ही में दोनों को दिल्ली हाई कोर्ट ने जमानत दे दी है. कलिता और नरवाल जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय में क्रमशः महिला अध्ययन और ऐतिहासिक अध्ययन केंद्रों में डॉक्टरेट की छात्राएं हैं. वे 2019 के नागरिकता (संशोधन) अधिनियम...

More »

बीजेपी के नेताओं का केंद्रीय विषय मुसलमान विरोधी नफ़रत क्यों है?

-सत्यहिंदी,  ध्रुवीकरण को भी रोजाना का अभ्यास बनाना पड़ता है। उसे रोज़मर्रा की भाषा में इस कदर शामिल कर दिया जाता है कि वह समाज का स्वभाव बन जाए। इसलिए मसला मात्र चुनाव में अपने लिए येन केन प्रकारेण वोटर बनाने का नहीं है। हमारे बहुत सारे मित्र इस तरह के बयानों को बहुत तवज्जो नहीं देने की सलाह देते हैं।  इस स्तंभ की ज्यादातर कड़ियों का विषय मुसलमान विरोधी हिंसा रहा...

More »

संविधान और बराबरी की बात करने वाले उमर खालिद से क्यों डरती है सरकार

-कारवां, 13 सितंबर की आधी रात को खबर मिली कि उमर खालिद को लोधी कॉलोनी स्थित दिल्ली पुलिस के विशेष प्रकोष्ठ के कार्यालय में कई घंटों की पूछताछ के बाद गिरफ्तार कर लिया गया है. जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय से झारखंड के आदिवासी इतिहास में पीएचडी करने वाले उमर को एक साजिश में तथाकथित भूमिका के लिए हिरासत में लिया गया था. दिल्ली पुलिस ने दावा किया था कि फरवरी के अंतिम...

More »

श्रमिकों की गरिमा व बिहार की अस्मिता-- मिहिर भोले

बिहार छोड़े मुझे पच्चीस वर्ष हो गये. तब से गुजरात में ही रहता हूं. फिर भी विभिन्न कारणों से लगातार बिहार आता-जाता रहता हूं. इस दौरान लोग-बाग अक्सर मुझसे गुजरात के बारे में प्रश्न किया करते हैं और मैं आदतन पूरी सच्चाई और निष्पक्षता से उसकी खूबियों और कमजोरियों की चर्चा करता हूं. चूंकि मैं राजनीतिक व्यक्ति नहीं हूं. मैं एक शिक्षक हूं, मेरी वैचारिक प्रतिबद्धता सिर्फ मेरे अपने अनुभव...

More »

Video Archives

Archives

share on Facebook
Twitter
RSS
Feedback
Read Later

Contact Form

Please enter security code
      Close